नर्मदापुरम में ऊर्जीकृत हुआ नई तकनीक का पहला ट्रांसफार्मर
भोपाल (Bhopal) , . मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने अपने नेटवर्क के अति उच्चदाब पावर ट्रांसफारमर्स में अत्याधुनिक तकनीक की आर.आई.पी. (रेसिन इम्प्रीग्नेटेड पेपर) बुशिंग का उपयोग प्रारंभ कर एक और नवाचार किया है. परंपरागत ओ.आई.पी. (आईल इम्प्रीग्नेटेड पेपर) बुशिंग के मुकाबले ज्यादा भरोसेमंद और प्रभावी इस बुशिंग के उपयोग से मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) पावर ट्रांसमिशन कंपनी के पावर ट्रांसफार्मर के फेल होने के मुख्य कारण को नियंत्रित किया जा सकेगा.
कंपनी के मुख्य अभियंता अजय श्रीवास्तव ने मंगलवार (Tuesday) को बताया कि कंपनी ने अपने नर्मदापुरम स्थित 220 के.व्ही. सबस्टेशन में एक नया 160 एम.व्ही.ए. क्षमता का पावर ट्रांसफार्मर स्थापित किया है. इसमें नवाचार करते हुये अत्याधुनिक तकनीक की बुशिंग का उपयोग किया गया है. पूर्व में आईल एवं पेपर माध्यम वाली बुशिंग अपने स्वभाव के कारण नमी सोख लेती थी, जो पावर ट्रांसफार्मर फेल्युअर की एक बडी वजह है. इस नई रेसिन इम्प्रीग्नेटेड पेपर बुशिंग में रेसिन माध्यम रहता है, जो लंबे समय तक बुशिंग के मूल अंदरूनी पेरामीटर्स टेन डेल्टा (कुचालक क्षमता) को अप्रभावित रखता है. इससे ट्रांसफार्मर के अचानक फेल होने की संभावना न्यूनतम हो जाती है.
इकबाल खान ने तैयार किये आवश्यक तकनीकी पेरामीटर्स
मुख्य अभियंता श्रीवास्तव ने बताया कि वर्षों से चली आ रही परंपरागत बुशिंग को बदलने की चुनौती को मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रोक्योरमेंट संकाय के अभियंताओं ने स्वीकार किया. कई दिनों की मेहनत के बाद कार्यपालन अभियंता इकबाल खान ने विश्व के विभिन्न हिस्सों में उपयोग हो रही इन बुशिंग की कार्यप्रणाली और विभिन्न केस पेपर का अध्ययन कर सुरक्षित और प्रभावी तकनीकी डेटा तैयार करने में सफलता पायी. इसके अनुसार संबंधित निर्माता निर्धारित मापदंड की बुशिंग उपलब्ध करा पाया.
पहले चरण में 220 के.व्ही. से ऊपर की बुशिंग होगी उपयोग
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) पावर ट्रांसमिशन ने अब अपने 220 के.व्ही. और 400 के.व्ही. के वोल्टेज स्तर के ट्रांसफामर्स में इन अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित बुशिंग का उपयोग करना प्रारंभ किया है. इसे बाद में 132 के.व्ही. वोल्टेज लेबल के ट्रांसफार्मर में भी उपयोग किया जा सकेगा.
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