जागरण संवाददाता, वाराणसी। महिलाओं संग अपराध करने वालों को प्रभावी पैरवी करके सजा दिलाने में वाराणसी पूरे प्रदेश में अव्वल रहा है। यह जानकारी गुरुवार को उत्तर प्रदेश के एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय ने दी। गुरुवार को उन्होंने वाराणसी में अभियोजन अधिकारियों संग बैठक की। कचहरी परिसर में अभियोजन अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र के चार जिलों में बीते छह माह ( 25 मार्च से 30 सितंबर) पाक्सो एक्ट के 164 दोषियों को सजा हुई। इनमें से 28 को उम्रकैद, 52 को 10 वर्ष या इससे अधिक की सजा और 84 को 10 वर्ष की कम सजा से मिली। इसमें सबसे ज्यादा वाराणसी में 65 मुकदमे के 90 दोषियों को सजा कराई गई। गाजीपुर में 31, चंदौली में 26 और जौनपुर में 17 को सजा दिलाई गई।
महिलाओं के साथ दुराचार और अन्य गंभीर अपराध में 291 दोषियों को सजा दिलाई गई
महिलाओं के साथ दुराचार और अन्य गंभीर अपराध में 291 दोषियों को सजा दिलाई गई। 49 को उम्रकैद, 45 को 10 वर्ष या इससे अधिक और 197 दोषियों को 10 वर्ष से कम की सजा दिलाई गई। वाराणसी में 122, गाजीपुर में 95, जौनपुर में 50 और चंदौली में 24 दोषियों को अदालत से सजा कराई गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस और अभियोजन विभाग ने शासन के समन्वय से देश भर में सर्वाधिक अपराधियों को सजा दिलाने में सफलता मिली है।
महिलाओं के विरुद्ध अपराध में पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़ कर उत्तर प्रदेश सजा दिलाने में 59.1 प्रतिशत के साथ देश भर में पहले स्थान पर है। इसके साथ ही महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में पूरे देश में उत्तर प्रदेश ने सर्वाधिक 7713 मामले में सजा कराई है। कम समय में सजा दिलाने में भी उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे आगे है। जनपद व सत्र न्यायालय में मात्र एक महीने में सबसे अधिक 1310 मामलों में सजा हुई। यह पूरे देश में सजा का 50 प्रतिशत है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में एक माह में सबसे अधिक 202 मामलों में सजा हुई
दूसरे स्थान पर केरल 803 सजा के साथ है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में एक माह में सबसे अधिक 202 मामलों में सजा हुई। दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश 72 सजा है। आर्थिक अपराध से संबंधित मामलों में पूरे देश सबसे अधिक 2068 दोषियों को सजा हुई है। बाल अपराध के मामले में 2397 दोषियों को सजा हुई। आर्म्स एक्ट के मामले में वाराणसी परिक्षेत्र में सबसे अधिक वाराणसी जिले में 63 मामलों के 60 दोषियों की सजा मिली।
Edited By: Saurabh Chakravarty
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