कांटाबांजी2 घंटे पहले
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कार्यक्रम में शामिल जैन मुनि व श्रद्धालु।
कांटाबांजी तेरापंथ भवन में तीन अट्ठाई तपाभिनंदन समारोह का आयोजन सोमवार को किया गया। इस दौरान मुनि कुमुद कुमार ने कहा कि वह धर्म उत्कृष्ट मंगल है, जिसका लक्षण अहिंसा, संयम और तप होता है। व्यक्ति धर्म करता रहे और आत्मा उज्ज्वल नहीं बनें तो आत्मचिंतन करना चाहिए। अहिंसा साधु और श्रावक दोनों की साधना का मुख्य अंग है। अहिंसा के कारण कितने ही नियमों का पालन अपने आप हो जाता है। कहा पापभीरु व्यक्ति अहिंसा व्रत का पालन करता है। श्रावक को अनावश्यक हिंसा से बचना चाहिए। संयम के विविध प्रकार है।
इन्द्रियों का संयम, मन का संयम, जीभ का संयम व पदार्थों का संयम। कषाय संयम की साधना तो सर्वोत्कृष्ट है। आध्यात्मिक व व्यवहारिक दृष्टिकोण से कषाय संयम करना बहुत ही उपयोगी है। संयमित जीवन शैली सुख का राजमार्ग है। असंयम की भोगप्रधान जीवन शैली तनाव, डिप्रेशन, बीमारी और अनेकों समस्याओं को जन्म देती है। भोगवादी जीवन जीने के लिए व्यक्ति सही पथ से भटक जाता है । तप के विविध प्रकार जैन धर्म में बताए गए हैं।
मीडिया प्रभारी अविनाश जैन ने बताया कि चिन्मय जैन, पीयूष जैन व निकिता अग्रवाल की तपस्या का अभिनंदन किया गया। तेरापंथ सभा मंत्री सुमीत जैन, तेरापंथ युवक परिषद उपाध्यक्ष दीपक जैन, तेरापंथ कन्या मंडल संयोजिका पूजा जरवालिया, मास्टर अमन जैन, आंचल, तनिष्का जैन, शीतल, चंचल जैन, किरण बनमाली के साथ अन्य मौजूद रहे। निराहार रहना ही तप नहीं, इसके हैं 12 प्रकार : जैन मुनि ने कहा कि केवल निराहार रहना ही तप नहीं है। तप के बारह प्रकार हैं ध्यान, स्वाध्याय, प्रतिसंलीनता, विनय इत्यादि। किसी न किसी माध्यम से आत्मा को खुराक मिलती रहनी चाहिए।
तप करने वाला आत्मकल्याण करने के साथ दूसरों के लिए भी प्रेरक बनता है। चिन्मय जैन ने आध्यात्मिक अनुष्ठान के साथ बड़े ही मनोयोग से तप किया है। परिवार में गोचरी व सेवाभावना का भाव सदैव उत्कृष्ट रहा है। पीयूष जैन ने स्वेच्छा से जागरूकता के साथ तपाराधना की परिवार के प्रत्येक सदस्य में धर्म के प्रति लगाव है। परिवार में धर्म के संस्कार भाव बढ़ता रहें। निकिता अग्रवाल ने तेले का भाव व्यक्त कर अट्ठाई तप कर हिम्मत का परिचय दिया है। तपस्या के साथ नियमित प्रवचन श्रवण, दर्शन, सामयिक आराधना करके तपस्या को सार्थक बनाया है। कांटाबांजी श्रावक श्राविकाओं में धर्म आराधना की भावना अच्छी है।
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