रतलाम2 घंटे पहले
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अभी कॉलेज ग्राउंड का हाल ऐसा है। फोटो | चिंटू मेहता
तस्वीर में आप जो चारागाह देख रहे हैं वह शहर का सबसे बड़ा खेल मैदान है। जी हां, ये कॉलेज ग्राउंड है। आश्चर्य तो इस बात का है कि इसी मैदान ने सरकार को सबसे ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी दिए हैं। 5 महीने पहले तक ये मैदान खूबसूरत था। लेकिन, मेंटेनेंस के अभाव में अब मैदान खत्म हो चुका है। जीव-जंतुओं के डर से कॉलेज के छात्रों के साथ ही आर्मी-पुलिस की ट्रेनिंग करने वाले भी इस मैदान से दूर हो गए हैं। खेल मैदान पर एक नजर
- 37 साल पुराना है यह खेल मैदान
- 1984 तक यहां सिंघाड़े की खेती होती थी, इसके बाद मैदान बना
- 400 मीटर का एथलेटिक्स ट्रैक
- 8 लोग एक साथ दौड़ सकते हैं
- 300 खिलाड़ी करते थे अभ्यास।विकल्प मेहता | रतलाम
इंटरनेशनल स्तर का 400 मीटर का 8 लेन ट्रैक खत्म होने की कगार पर
5 महीने पहले तक इस मैदान की हालत ठीक थी। चुनाव के बाद से मैदान की हालत बिगड़ने लगी। जो कि, अब खत्म होने की कगार पर आ चुका है। बता दें इस मैदान पर इंटरनेशनल 400 मीटर का 8 लेन ट्रैक था, जो अब दौड़ने लायक नहीं है।
विक्रम यूनिवर्सिटी में खास है यह मैदान
- 1994-1995 में रनिंग ट्रैक बना था। विक्रम यूनिवर्सिटी का एकमात्र ट्रैक था।
- विक्रम यूनिवर्सिटी का एकमात्र हेमर थ्रो का सेंटर भी था, जो कि तोड़ दिया है। 20 साल पहले 5 लाख का लगा था।
- 31 साल से मैदान से जुड़े राकेश शर्मा ने बताया जनवरी में आखिरी बार मरम्मत हुई, ट्रैक पर 17 हजार रुपए की मुरम डाली गई थी।
- बारिश और चुनाव से मैदान की हालत खराब हो गई।
मैदान की हालत सुधारेंगे
बारिश के कारण हम सुधार नहीं करवा पा रहे हैं। बारिश थमने के बाद हालत सुधारेंगे। घास कटिंग के साथ ही ट्रैक भी व्यवस्थित किया जाएगा। चूरी मुरम डलवाएंगे, बाउंड्री सुधारेंगे। -वायके मिश्रा, प्राचार्य, कला व विज्ञान महाविद्यालय, रतलाम
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