करौली30 मिनट पहले
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श्रीमहावीरजी मौसम परिवर्तन ने सर्दी, खांसी, जुकाम व वायरल के मरीजों की संख्या में इजाफा किया है। यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का उपचार कर पैसे लूटने में लगे हुए हैं। ग्रामीणों ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि जांच का अभियान चलाकर अवैध रूप से इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। श्रीमहावीरजी क्षेत्र के गांव निसूरा, नंगला, गांवडी, अकबरपुर, कांदरौली सहित दर्जनों गांव ऐसे हैं, जहां सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सुविधाएं नहीं हैं। इसका फायदा सीधे तौर पर झोलाछाप डॉक्टर उठा रहे हैं।
गांवों में सरकारी इलाज की सुविधा नहीं है। बीमार होने पर झोलाछाप डॉक्टरों से ही इलाज कराना पड़ता है। झोलाछाप चिकित्सकों की और से बिना पंजीयन के एलोपैथी चिकित्सा व्यवसाय ही नहीं किया जा रहा है, बल्कि बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण व विक्रय भी अवैध रूप से किया जा रहा है। दुकानों के भीतर कार्टून में दवाओं का अवैध तरीके से भंडारण रहता है। क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई सालों से अवैध रूप से चिकित्सा व्यवसाय कर रहे लोगों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।
इन दिनों मौसमी बीमारियों का कहर है। झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें मरीजों से भरी पड़ी हैं। सर्दी बढ़ने के कारण इन दिनो खांसी, जुकाम, बुखार, डेंगू जैसी बीमारियां ज्यादा पनप रही हैं। झोलाछाप इन मर्जों का इलाज ग्लूकोज की बोतलें लगाने से शुरू करते हैं। एक बोतल चढ़ाने के लिए इनकी फीस 300 से 400 रुपए तक होती है। झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से अब तक कई लोगों की असमय जान चली गई है। लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने स्थायी तौर पर झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं की। जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेशचंद मीना का कहना रहा कि समय-समय पर जांच अभियान चलाकर झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। कहीं से भी यदि झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी।
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