हाइलाइट्स
पेड़ों का पर्यावरण ही नहीं धार्मिक आधार पर भी महत्व है.
पेड़ लगाना पुत्र पैदा करने से भी अच्छा कहा गया है.
इसे गायत्री जप, दान व हवन के समान माना गया है.
पेड़ों का पर्यावरण ही नहीं धार्मिक आधार पर भी काफी महत्व है. हिंदू धर्म में पेड़ लगाने को परम पुण्य का कार्य माना गया है. भविष्य पुराण में तो वृक्षोरापण को संतानोत्पत्ति भी अच्छा कहा गया है, जिसमें खुद भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि संभव है कि संतान पितरों के लिए दान नहीं करे, लेकिन फल, फूल, पत्तों व छाया का दान पेड़ हर समय करते हैं, जिसका पुण्य पेड़ लगाने वाले व्यक्ति को हर समय मिलता रहता है. इसी प्रसंग में श्रीकृष्ण उन आठ पेड़ों के बारे में भी बताते हैं, जिन्हें लगाने पर व्यक्ति को कभी नरक का मुंह नहीं देखना पड़ता.
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जरूर लगाएं ये आठ पेड़
पंडित रामचंद्र जोशी के अनुसार, भविष्य पुराण में श्रीकृष्ण कहते हैं कि वे पेड़ धन्य हैं, जो फल, फूल, पत्र, मूल, वत्कल, छाल, लकड़ी और छाया से सबका उपकार करते हैं. ऐसे पेड़ों को मनुष्य को अवश्य लगाना चाहिए. उन्होंने आठ महत्वपूर्ण पेड़ व उन्हें लगाने की संख्या भी बताई है. श्रीकृष्ण कहते हैं कि हर व्यक्ति को पीपल, नीम, बरगद, इमली, कैथ, बिल्व और आम के पेड़ जीवन मेें जरूर लगाने चाहिए. इनमें पीपल, नीम व बरगद, कैथ, बिल्व तथा आमलक का एक-एक, आम के पांच व इमली के 10 पेड़ यानी कुल 21 पेड़ लगाने चाहिए.
गायत्री जप, दान व यज्ञ के बराबर है वृक्ष लगाना
पंडित जोशी बताते हैं कि भविष्य पुराण में श्रीकृष्ण कहते हैं कि वृक्ष सबका उपकार करते हैं. कभी किसी को निराश नहीं करते. धर्म, अर्थ सहित बहुत से बच्चों से तो पथिकों के लिए मार्ग में लगाया एक पेड़ श्रेष्ठ है. सघन छाया वाले श्रेष्ठ वृक्ष अपनी छाया, पत्तों व छाल से प्राणियों को, पुष्पों से देवताओं को और फलों से पितरों को प्रसन्न करते हैं. श्रीकृष्ण कहते हैं कि संतान तो फिर भी एक वर्ष ही श्राद्ध करती है पर वृक्ष अपने फल, मूल व पत्र आदि का रोजाना दान कर वृक्ष लगाने वाले का श्राद्ध करते हैं. वह फल ने तो अग्निहोत्र आदि कर्म करने से और न ही संतान उत्पन्न होने से प्राप्त होता है.
जो पेड़ों का बगीचा लगाता है, उसे तो उत्तम लोक की प्राप्ति अवश्य होती है. वह व्यक्ति नित्य गायत्री जप, दान और यज्ञ का फल पाता है. लोक में यश के साथ अंत में उसकी अवश्य मुक्ति होती है.
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Tags: Dharma Aastha, Dharma Culture, Hinduism, Religious, Tree
FIRST PUBLISHED : October 20, 2022, 02:45 IST
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