हाइलाइट्स
रेक्रोन एफएस पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता के के तहत उसके द्वारा उठाए जा रहे कदमों का हिस्सा है.
दुनियाभर के टेक्सटाइल उद्योग में टिकाऊ कपड़ो की मांग में उछाल देखने को मिल रहा है.
गौरतलब है कि रेक्रोन एफएस का इस्तेमाल भारतीय रेलवे में सीट व पर्दे बनाने के लिए किया जाता है
नई दिल्ली. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा है कि वह अपने फायर रजिस्टेंट स्टेपल फाइबर रेक्रोन एफएस को और टिकाऊ बनाने के लिए एफआरएक्स इनोवेशन की नोफिया टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगी. नोफिया की पॉलिमेरिक फॉस्फोरस आधारित केमेस्ट्री रेक्रोन एफएस को अधिक सस्टेनेबल और पॉलिएस्टर तैयार करने के लिए उसे तकनीकी रूप से और अधिक बेहतर बनाने में मदद करती है. इस तकनीक में शामिल अन्य पदार्थ टेक्सटाइल इंडस्ट्री में इस्तेमाल के लिए OEKO-TEX Standard 100 से सर्टिफाइड हैं.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा है कि इसे केमफॉरवर्ड, ग्रीन स्क्रीन और टीसीओ से भी सस्टेनिबिलिटी सर्टिफिकेशन प्राप्त है. जैसे-जैसे दुनिया कोविड-19 के प्रभाव से बाहर निकल रही है टेक्सटाइल उद्योग में टिकाऊ कपड़ों की मांग में उछाल आया है. टेक्सटाइल कंपनियां पर्यावरण व समाजिक दायित्व के लक्ष्यों को अपनी पोस्ट पेनडेमिक ग्रोथ स्ट्रेटजी में शामिल कर रही हैं.
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दुनियाभर में बढ़ रही सस्टेनेबल टेक्सटाइल की मांग
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने बयान में कहा है कि दुनियाभर की टेक्सटाइल कंपनियों में अधिक टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल और अग्निरोधी तकनीक की मांग बढ़ रही है. कंपनी ने कहा है कि रेक्रोन एफएस पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता के तहत उसके द्वारा उठाए जा रहे कदमों का हिस्सा है. आरआईएल के अनुसार, रेक्रोन एफएस का इस्तेमाल भारतीय रेलवे में सीट व पर्दे बनाने के लिए किया जाता है क्योंकि आग से अधिक सुरक्षा प्रदान करता है और तुलनात्मक रूप से सस्ता होता है.
पॉलिएस्टर पर कैसे काम करती है नोफिया
रेक्रोन एफएस फेबरिक का एक टाइप है जिसे रिलायंस ने डेवलप किया है. इसके मूल में एफआरएक्स इनोवेशन की नोफिया टेक्नोलॉजी है. नोफिया पॉलिमेरिक फॉस्फोरस में शामिल पदार्थ रिलायंस के रेक्रोन एफएस को अधिक मजबूती प्रदान करते हैं. इस टेक्नोलॉजी के जरिए रीसाइकल किए हुए पॉलिएस्टर का 60 फीसदी तक इस्तेमाल किया जा सकता है. यही खासियत इस तकनीक को काफी आकर्षक बना रही है. इस पर बात करते हुए रिलायंस के पॉलिएस्टर बिजनेस के सेक्टर हैड हेमंत डी शर्मा ने कहा, “हम रेक्रोन एफएस की सुरक्षा को और बढ़ाकर गर्व महसूस कर रहे हैं. “हम स्वास्थ्य, पर्यावरण और खूबसूरती से समझौता किए बिना आग से असाधारण रूप से सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
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रिलायंस इंडस्ट्रीज के बारें में
यह भारत की सबसे बड़ी निजी कंपनी है. 31 मार्च 2022 को खत्म हुए वित्त वर्ष में आरआईएल का रेवेन्यू 792756 करोड़ रुपये और नकद लाभ 110778 करोड़ रुपये था जबकि कंपनी का नेट प्रॉफिट 67845 करोड़ रुपये था. रिलायंस इंडस्ट्रीज, पेट्रोलियम रिफाइनिंग एंड मार्केटिंग, पेट्रोकेमिकल्स, हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन, सोलर व हाइड्रोजन एनर्जी, वित्तीय सेवा, रिटेल और डिजिटल सेवा के क्षेत्र में कार्यरत है.
एफआरएक्स इनोवेशन के बारे में
यह एक ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है जो टिकाऊ और आगरोधी उत्पाद बनाती है. इसका बिजनेस इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक व्हीकल और मेडिकल डिवाइसेज के क्षेत्र में फैला है. नोफिया इस कंपनी का एक रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क है. नोफिया उत्पादों को बेल्जियम में पोर्ट ऑफ एंटवर्प स्थित मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में बनाया जाता है.
(डिस्क्लेमर- नेटवर्क18 और टीवी18 कंपनियां चैनल/वेबसाइट का संचालन करती हैं, जिनका नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज एकमात्र लाभार्थी है.)
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Tags: Business news in hindi, Reliance industries, RIL, Textile Business
FIRST PUBLISHED : October 31, 2022, 23:10 IST
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