अमरावती /दि.6- एक बार संकल्पित होने के बाद उसे कैसे व्रतस्थ किया जाता है, उसका प्रेरक रूप है ’श्री हनुमान व्यायाम प्रसार मंडल’. हर मन में देशभक्ति की लौ जलाए रखने के उद्देश्य से 1926 में शुरू हुआ ’दशहरा महोत्सव’ हर साल उसी उत्साह के साथ मनाया जाता है. दिलचस्प बात यह है कि इस साल का दशहरा उत्सव अविस्मरणीय रहा. कार्यक्रम के दौरान मूसलाधार बारिश में भी रोमहर्षक विभिन्न खेलों का प्रदर्शन और भारतीय संस्कृति की एकता देखी गई. पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य साहब की अपील पर उपस्थित खिलाड़ियों ने और नागरिकों ने भारी बारिश में इस दशहरा समारोह को सफल बनाया.
अमरावती-बडनेरा मार्ग पर दशहरा मैदान में आयोजित ’दशहरा महोत्सव’ बुधवार की शाम बड़े उत्साह के साथ मनाया गया. इस अवसर पर विभागीय आयुक्त डॉ.दिलीप पांढरपट्टे अध्यक्ष रूप में उपस्थित थे. सांसद डॉ. अनिल बोंडे अपने परिवार के साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे. साथ ही जिले के लोकप्रिय विधायक रवि राणा, मंडल के कार्याध्यक्ष डॉ. रमेश गोडबोले, सचिव प्रो. डॉ. माधुरीताई चेंडके, मंडल के उपाध्यक्ष डॉ. श्रीकांत चेंडके, उपाध्यक्ष एड. प्रशांत देशपांडे और अन्य गणमान्य उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई. इस अवसर पर मंडल के युवा नेतृत्व प्रो. प्रणव चेंडके ने मेक्सिको मे दि.28,29,30 सितंबर 2022 इस तीन दिवसीय यूनेस्को की वार्षिक बैठक में भारतीय पारंपरिक खेलों और आधुनिक खेलों के विकास पर मनोगत व्यक्त कर देश और मंडल का सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व किया था. इसी प्रकार हाल ही में कजाकिस्तान में आयोजित एशियन एक्रोबैटिक जिम्नास्टिक चैंपियनशिप के लिए मंडल के जिम्नास्टिक विभाग के प्रमुख प्रो. आशीष हाटेकर और कोच अक्षय अवघाते के मार्गदर्शन मे भारतीय संघ ने सर्वोत्कृष्ठ प्रदर्शन करने पर सत्कार किया गया.
महोत्सव में डिग्री कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन के लगभग 3000 छात्रों ने विभिन्न खेलों और अभ्यासों का प्रदर्शन किया. इसमें समूह कराटे, मल्लखंब, जिम्नास्टिक, मार्शल आर्ट, लाज़िम, एरोबिक्स, टार्च मैचिंग, बॉडी बिल्डिंग, रूसी ड्रिल, ढाल-तलवार, दांड पट्टा, भाला, डम्बल, ताइक्वांडो, आदि सहित सर्वश्रेष्ठ भारतीय कला संस्कृति का प्रदर्शन किया गया. संचालन डॉ. विजय पांडे, डॉ. अरुण खोडस्कर, प्रो. गोडसे और आनंद महाजन ने किया. इस अवसर पर सचिव वसंतराव हरणे, प्रो. जयंत गोडसे, प्रो. दीपा कान्हेगांवकर (वैद्य), सचिव रविंद्र खांडेकर, डॉ. कोलेश्वर, प्रो. डॉ. संजय तीरथकर का अमूल्य मार्गदर्शन मिला.
* भारी बारिश में ’पद्माश्री’
श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के दशहरा उत्सव को शुरू हुए कुछ समय हो गया था. विद्यार्थियों ने विभिन्न खेल प्रदर्शनोंद्वारा दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसी बीच आंधी के साथ तेज बारिश शुरू हो गई. अचानक हुई बारिश से नागरिकों में भ्रम की स्थिति शुरू हो गई. ऐसे समय में पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य ने मूसलाधार बारिश में खड़े होकर एक स्वर से खिलाड़ियों और नागरिकों को स्तब्ध कर दिया. ’देव, देश और धर्म के सामने सब कुछ गौण है… आइए हम सब इस दशहरा उत्सव को सफल बनाएं! ’ पद्मश्री का आवाहन सुनते ही खिलाड़ियों और उपस्थित लोगों के बीच उत्साह फैल गया. लगातार बारिश में भी नागरिकों ने दशहरा पर्व मनाया.
* मिनी इंडिया के दर्शन
राष्ट्रहित के लिए श्री हनुमान व्यायाम प्रसार मंडल की स्थापना की गई है और दशहरा उत्सव के माध्यम से, भारतीय संस्कृति के गुणवत्ता प्रदर्शन के साथ-साथ विभिन्न भारतीय पारंपरिक खेलों और अभ्यासों के प्रदर्शन के कारण इस त्योहार को ’मिनी इंडिया’ का रूप मिला है. दशहरा उत्सव अद्वितीय और अविस्मरणीय है, देशभक्ति को समर्पित है ऐसा मत विभागीय आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे ने व्यक्त किया.
* उत्साह बनाए रखें
श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल का दशहरा पर्व अनूठा है. भारी बारिश में भी इस दशहरा उत्सव में युवाओं के प्रदर्शन और उत्साह को देखते हुए अगर युवा शक्ति इसी उत्साह को बनाए रखे तो देश मजबूत रहेगा. ऐसा मत जिले के लोकप्रिय सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने व्यक्त किया.
* दशहरा पर्व की शुरुआत
श्री हनुमान व्यायाम प्रसार मंडल में 1926 से दशहरा महत्सवाला की शुरुआत हुई थी. उस समय यह एक सैन्य प्रशिक्षण केंद्र के रूप में प्रसिद्ध था. दशहरे के मौके पर यहां अंडरग्राउंड कैंप भी चलाया गया. जो नवरात्रि से शुरू होकर दशमी के दिन समाप्त होता था. इस शिविर में भाग लेने वाले विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शन किया जाता था. इसकी शुरुआत स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बास ने की थी. इस दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह के साथी क्रांतिकारी राजगुरु ने स्वतंत्रता सेनानी होने के अवसर पर अमरावती दशहरा महोत्सव का दौरा और सहभाग लिया था.
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