नई दिल्ली। लड़कियों की पढ़ाई छूटती है तो, दुनिया में बेहतरी और समानता का भविष्य पिछड़ता है। यह नारा शिक्षा, विज्ञान एवं संस्कृत पर संयुक्त राष्ट्र के संगठन (यूनेस्को) ने इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस आयोजन से पहले दिया है।
यूनेस्को ने 11 अक्टूबर को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस से पूर्व इस बार अपने सोशल मीडिया अभियान में लिखा है, “हमें हर बालिका के शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयासों को निश्चित रूप से और गति देनी चाहिए। ”
गौरतलब है कि 19 दिसंबर, 2011 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर लड़कियों के अधिकारों और दुनिया भर में लड़कियों के सामने आने वाली विशेष प्रकार की चुनौतियों को पहचानने के लिए हर वर्ष 11 अक्टूबर की तिथि को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाने का संकल्प किया था। इस प्रस्ताव को महासभा ने 66/170 से अपनाया था।
यूनेस्को का कहना है कि हर बालिका को न केवल अपने पढ़ने-बढ़ने की अवस्था में बल्कि उससे आगे भी सुरक्षित, शिक्षित और स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार है।
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