इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर के डेली कालेज में शनिवार से शुरू हुए दो दिवसीय यूथ थिंकर्स सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार धार की सुप्रसिद्ध वाग्देवी की मूर्ति को लंदन के एक संग्रहालय से वापस स्वदेश लाने के लिए गंभीरता से प्रयास करेगी। मालूम हो कि हिंदू समुदाय की ओर से वाग्देवी की मूर्ति वापस लाने की मांग कई वर्षों से की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं को संबोधित कर कहा कि आज पूरे विश्व में किसी न किसी रूप में उथल-पुथल मची हुई है। शांति एवं समस्याओं के समाधान के लिए वैश्विक स्तर पर कई प्रकार के उपाए किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर न तो शांति स्थापित हो पा रही है और न ही समस्याओं का समाधान। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर विश्व में शांति कैसे स्थापित होगी और वैश्विक स्तर पर व्याप्त तमाम समस्याओं का समाधान कैसे होगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारतीय दर्शन की तरफ पूरी दुनिया को अग्रसर होना ही होगा। भारतीय दर्शन में जीवन यापन के तौर तरीके बताए गए हैं। समय रहते मानव ने स्वयं को विकासरूपी भ्रम जाल से बाहर निकालकर उन्हें अंगीकार नहीं किया तो विश्व कल्याण की कल्पना व्यर्थ है। मुख्यमंत्री ने युवाओं का आह्वान किया कि एक बार पुन: विश्व में भारतीय जीवन दर्शन का डंका बजाने के लिए शंखनाद किया जाए।
विभिन्न राज्यों के 500 युवा ले रहे हिस्सा – डेली कालेज के सभागृह में प्रज्ञा प्रवाह के संयोजन में हो रहे कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न राज्यों से करीब 500 युवा हिस्सा ले रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा के सुखों, भौतिकता, पाश्चात्य जीवन शैली, विज्ञान, धर्म, राजनीति आदि विषयों पर भारतीय दर्शन की बात की। कार्यक्रम में प्रज्ञा प्रवाह के संयोजक जे नंदकुमार, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील कुमार, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति रेणु जैन, महर्षि पाणिनि वैदिक विद्यापीठ के कुलपति विजय कुमार, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, डेली कालेज के अध्यक्ष विक्रम पवार सहित कई अतिथि मौजूद थे।
मूर्ति से जुड़ा विवाद – भारत में अपने शासन के दौरान अंग्रेज वाग्देवी की मूर्ति को 1875 में लंदन ले गए थे। माना जाता है कि धार के राजा भोज ने वाग्देवी की मूर्ति को इस प्राचीन नगरी के भोजशाला परिसर में 1034 ईस्वी में स्थापित किया था। भोजशाला केंद्र सरकार के अधीन एएसआइ (भारतीय पुरातत्व विभाग) का संरक्षित स्मारक है। हिंदुओं का मानना है कि भोजशाला वाग्देवी यानी विद्या की देवी सरस्वती का मंदिर है, जबकि मुस्लिम समुदाय इस जगह को कमाल मौला की मस्जिद बताता है।
Posted By: Hemraj Yadav
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