लाडनूंएक घंटा पहले
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लाडनूं के जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में ‘वर्ष 2023: अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज’ पर चल रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज ‘यम्मी मिल्लेट्स’ कुकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस ‘यम्मी मिल्लेट्स’ कुकिंग प्रतियोगिता में 30 छात्राध्यापिकाओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता में देशी और मोटे अनाज के विविध प्रकार के लजीज व्यंजन बनाए गए। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सहायक आचार्य डॉ. बी .प्रधान ने कहा कि जिस प्रकार का भोजन ग्रहण किया जाता है, उसी प्रकार का हमारा मन व शरीर बन जाता है। संतुलित आहार का हमारी जीवन शैली पर प्रभाव पड़ता है, इसलिए सभी को अपनी दैनिक जीवन में मोटे अनाज युक्त और चोकर युक्त भोजन को शामिल करना चाहिए।
डॉ. आभा सिंह ने कहा कि प्राचीन विरासत और प्राचीन खान-पान की तरफ और हमारी संस्कृति की तरफ वापस लौटने का समय आ गया है। हमें मोटा अनाज अपने खान-पान में सम्मिलित करना चाहिए, क्योंकि मोटा अनाज स्वास्थ्य के सर्वाधित लाभप्रद होता है। उन्होंने बताया कि मिलेट्स की फसल में हानिकरक केमिकल्स और कीटनाशक दवाओं का प्रयोग नहीं होता है। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के समस्त संकाय सदस्य डॉ. मनीष भटनागर डॉ. विष्णु कुमार, डॉ. गिरिराज भोजक, डॉ. गिरधारीलाल शर्मा, प्रमोद ओला आदि उपस्थित रहे।
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