मालपास ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक के दौरान अलग से संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने 2023 के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को तीन प्रतिशत से घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दिया है। वैश्विक अर्थव्यवस्था खतरनाक रूप से मंदी की ओर बढ़ रही है। वैश्विक मंदी कुछ परिस्थितियों के अंतर्गत हो सकती है।’’
उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति की समस्या है, ब्याज दर बढ़ रही है और विकासशील देशों में जो पूंजी प्रवाह हो रहा था, वह बंद हो गया है। इससे गरीबों पर असर पड़ रहा है।
मालपास ने कहा, ‘‘हम विकासशील देशों में लोगों को आगे बढ़ने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं… बेशक, सभी देश अलग हैं, हम आज कुछ देशों की चर्चा करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि विकासशील देशों में कर्ज बढ़ने का कारण उच्च ब्याज दर है। एक तरफ कर्ज बढ़ रहा है और दूसरी तरफ उनकी मुद्राएं कमजोर हो रही हैं।
मालपास ने कहा, ‘‘मुद्रा के मूल्य में गिरावट कर्ज का बोझ बढ़ा रही है। विकासशील देशों के समक्ष कर्ज संकट की समस्या है…।’’
उन्होंने बहुपक्षीय संस्थान की ओर से गरीबों को लक्षित समर्थन देने का भी आह्वान किया।
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