फ्रांसीसी कंपनी से 24 करोड़ डॉलर टैक्स की मांग की गई है, हालांकि कंपनी इस मामले में जांच रुकवाने के लिए कोर्ट पहुंच गई है. अधिकारियों के मुताबिक कंपनी कोर्ट में अपील कर मामले को लंबा घसीटना चाहती है
वोदका बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी पर सरकार सख्त
वोदका और शिवास रीगल का निर्माण करने वाली फ्रांसीसी कंपनी शराब निर्माता कंपनी प्रनो रिकॉर्ड को लेकर सरकार सख्त हो गई है. ये मामला 24 करोड़ डॉलर के टैक्स से जुड़ा हुआ है. जो कि करीब 2000 करोड़ रुपये के बराबर है. एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने कोर्ट से कंपनी के प्रति सख्त रुख अपनाने की अपील की है. सरकार का कहना है कि कंपनी मामले को लटकाती रहती है और इसी तरह धोखा कर पैसे ले जाने की फिराक में है. सरकार ने कोर्ट में कहा है कि 24 करोड़ डॉलर टैक्स डिमांड को लेकर कंपनी के द्वारा मामले को अटकाने वाले किसी भी कदम को खारिज किया जाए जिससे इस मामले में जल्द फैसला लिया जा सके.
क्या है पूरा मामला
सरकार के मुताबिक प्रनो की घरेलू ईकाई पिछले काफी समय से अपने कई तरह के इंपोर्ट की वैल्यूएशन गलत तरीके से करती आ रही है, अथॉरिटी के मुताबिक वो ऐसा इसलिए करती है जिससे कि वो इंपोर्ट टैक्स को पूरा भरने से बच सके. इसी आधार पर कंपनी से 24 करोड़ डॉलर के टैक्स की मांग की गई है. जून में इस टैक्स डिमांड के मिलने के बाद कंपनी ने कोर्ट की तरफ रुख किया. कंपनी ने कोर्ट से मांग की है कि इस जांच को रोक दिया जाए क्योंकि ये इंडस्ट्री से मिले गलत आंकड़ों पर आधारित है और ये पूरी प्रक्रिया सही नहीं है. वहीं कंपनी ने ये भी कहा कि इस तरह के फैसले से उसकी भारत में निवेश योजना पर असर पड़ रहा है. कंपनी के लिए भारत एक बड़ा बाजार है. जहां उसका 17 प्रतिशत हिस्सा है.
क्या है सरकार का पक्ष
वहीं सरकार का कहना है कि कंपनी मामले को टालना और अटकाना चाहती है इसलिए वो टैक्स से जुड़े सवालों के जवाब देने की जगह जांच को रुकवाने के लिए कोर्ट पहुंच गई है. सरकार ने इस दावे के पक्ष में कंपनी के पिछले कदमों की जानकारी रखी जब टैक्स से जुड़े मामले में कंपनी बार बार कोर्ट पहुंच रही थी. वहीं कंपनी का दावा है कि उसका काम पूरी पारदर्शिता के साथ चल रहा है और वो सरकार के सभी नियमों को पालन कर रही है.
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