जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। हमारे मानव शरीर के लिए विटामिन (Vitamins) का बहुत ज्यादा खास महत्व होता। विटामिन की कमी कई बीमारियों को न्योता देती है। बता दें की विटामिन दो प्रकार के होते हैं एक वॉटर सॉल्युबल विटामिंस और दूसरा दूसरा फैट सॉल्युबल विटामिन। दोनों के गुण भी अलग होते हैं। विटामिन सी और विटामिन बी कॉन्प्लेक्स वॉटर सॉल्युबल विटामिंस में होते हैं। वहीं विटामिन ए, ई, डी और के फैट सॉल्युबल विटामिन में गिने जाते हैं।
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अलग-अलग विटामिन हमारे शरीर में अलग किरदार निभाते हैं, इनकी कमी शरीर के लिए सही नहीं होती। लेकिन आप जानकर हैरान हो जाएंगे की शरीर में विटामिन की मात्रा अधिक होना भी बहुत घातक साबित हो सकता है। यह हमारे शरीर हो नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए विटामिन की मात्रा भी शरीर में संतुलित होना बहुत जरूरी है, वरना कई सारे हानिकारक साइड इफेक्ट्स भी दिख सकते हैं।
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विटामिन सी और जिंक के ओवरडोज से डायरिया के लक्षण दिख सकते हैं। साथ ही डायबिटीज के मरीजों में ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है, जो बहुत ज्यादा खतरनाक बन सकता है। जिंक की मात्रा अधिक होने से स्वाद की पहचान, शरीर में कॉपर की कमी और अन्य लक्षण दिख सकते हैं। यदि शरीर में विटामिन ई की मात्रा बहुत अधिक होती है तो दिमाग में बिल्डिंग की समस्याएं बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन “ए” की मात्रा शरीर में अधिक हो जाने से कन्फ्यूजन, बालों का झड़ना, लिवर डैमेज और हड्डियों का डैमेज होने का का खतरा बढ़ जाता है। फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं भी उत्पन्न होने का खतरा बढ़ने लगता है। विटामिन “K” ब्लड कलोटींग के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन इसकी मात्रा अधिक होने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक के रिस्क बढ़ सकते हैं।
Disclaimer: इस खबर का उद्देश्य केवल शिक्षित करना है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज इन बातों का दावा नहीं करता। कृपया विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।
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