सागर, 21 नवंबर (हि.स.)। केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि शिक्षा का मतलब जिम्मेदारी स्वीकारना और उसे पूर्ण करना है। बिना शिक्षा के दुनिया की चुनौतियों का सामना नहीं किया जा सकता। जहां एक तरह दुनिया की महाशक्तियां युद्ध की रचना कर उसका सामना कर रही हैं, वहीं भारत पूरे विश्व में शान्ति का सन्देश दे रहा है और सभी देश इस पर अमल कर रहे हैं। यही भारत की ताकत है।
केन्द्रीय मंत्री पटेल सोमवार शाम को सागर में डा. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक सर डा. हरीसिंह गौर की 153वीं जयंती के उपलक्ष्य में गौर उत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की शुरुआत ज्ञानदेवी सरस्वती एवं डा. गौर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना के साथ हुई। कार्यक्रम में विवि से संबद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि डॉ. गौर ने कहा था कि राष्ट्र का धन कल-कारखाने, मशीनों के पुर्जे और सोना-चांदी नहीं है, बल्कि जीवित मनुष्य ही राष्ट्र का असली धन हैं। जिस प्रकार धरती प्रकृति प्रदत्त चीजों को संजोकर रखती है, सींचती है, संरक्षित रखती है, उसी प्रकार उससे लाभान्वित होने वाले व्यक्ति का कर्तव्य है कि उसकी रक्षा करे और उसके विकास में अपना योगदान दे. डॉ. गौर द्वारा स्थापित इस विश्वविद्यालय के प्रति भी जनमानस और विशेष रूप से यहाँ पढने वाले छात्रों को का भी कर्तव्य है कि डॉ. गौर और उनके सपनों के संस्थान के प्रति सदैव कृतज्ञ रहें और इसको बनाए रखने के लिए अपना हर संभव योगदान दें।
उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी ज्ञान की शताब्दी है। नई शिक्षा नीति के माध्यम से संस्कार देने वाली और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसे दृढ़ मन और संकल्प के साथ लागू किया जाना चाहिए। बुंदेलखंड स्वतंत्रता के अमर शहीदों की धरती रही है। आज इतिहास फिर से लिखा जा रहा है। डॉ. गौर ने बुंदेलखंड में शिक्षा का दीप जलाया। उनके भागीरथ प्रयास से यह विश्वविद्यालय स्थापित हुआ। उनके जैसा महादानी और महापुरुष हिन्दुस्तान में दूसरा नहीं है।
उन्होंने कहा कि ऐसे अमर व्यक्तित्वों को याद रखने का यही तरीका है कि हम उनके द्वारा बताये गए मूल्यों और आदर्शों में से किसी एक आदर्श को अपने जीवन में अपना कर देखें और अपने संकल्प का मूल्यांकन करें। संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता। संकल्प से महानतम कार्य सिद्ध हो जाते हैं और संकल्प व्यक्ति के अंतःकरण से ही निकलता है इसमें दूसरे का कोई सहयोग नहीं होता है।
विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. पी.के. कठल ने विश्वविद्यालय के प्रगति को साझा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय निरंतर अपने विकास के नए सोपान गढ़ रहा है। आने वाले समय में कई नए भवन बनकर तैयार होंगे जिससे विद्याथियों को ज्यादा सुविधाएं प्राप्त होंगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों का निर्माण और क्रियान्वयन कर रहा है। विश्वविद्यालय साप्ताहिक गौर उत्सव मना रहा है और साथ ही समूचा सागर शहर और बुंदेलखंड उनको नमन कर रहा है। यह डॉ. गौर के प्रति लोगों की श्रद्धा और प्रेम ही है. उन्होंने कहा कि डॉ. गौर के आदर्शों पर हम नित दिन कार्य करें और अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
सम्बद्ध महाविद्यालयों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों में कालबेलिया, कठपुतली नृत्य, भजन और देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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