महेश्वर7 घंटे पहले
नगर में सप्तमातृका मंदिर परिसर में चल रही शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन स्वामी अर्जुन राम जी महाराज ने कहा कि जिसे भगवान का प्रेम प्राप्त हो वह भाग्यशाली है। भगवान के विषय में जानने के लिए जिज्ञासु हो, वह भाग्यवान है। हम लोग जिस कलयुग में जी रहे हैं इस युग में बड़े-बड़े महात्माओं ने गहरा चिंतन किया है जो भक्ति को धारण करता है वह कलयुग के प्रभाव से बच जाता है।
जीवन में तीन ताप परेशान करें तो भगवान के निकट पहुंच जाएं जिससे हमें तीनों ताप से छुटकारा मिलता है। स्वामी जी ने कहा कि तब तक कलयुग के पाप परेशान करेंगे जब तक शिवपुराण हमारे जीवन में शामिल ना हो जाए यही शिवपुराण की महिमा है। भगवान शंकर जी मंगल राशि है उनका नाम और ध्यान भी मंगलमय है। शिव जैसा समान दृष्टा कौन होगा, महादेव दैत्य एवं देवों के लिए सदा कृपा वंत रहते हैं ।
भगवान शिव काल के ऊपर हैं वह अजर-अमर हैं उनको वृद्धावस्था छूती तक नहीं है। भगवान शिव की महिमा का बखान करते हुए स्वामी जी ने कहा कि भगवान शिव विनोदशील है। वह सदैव प्रसन्न रहते हैं मन स्थिति ऐसी हो कि परिस्थिति कभी प्रभावित नहीं करें। शिव की जीवन शैली में विरोधाभास भी प्रसन्न रहते हैं। कथा प्रतिदिन दोपहर 2:30 से शाम 5:30 बजे तक चल रही है।
आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन संत स्वामी नरहरी गिरी महाराज की द्वितीय पावन स्मृति में आयोजित कथा में मठ के महंत स्वामी समानंद सरस्वती और विरक्त संत स्वामी आशुतोष भारती के अलावा नगर के साहित्यकार हरीश दुबे राजा दादू पंडित संतोष पंड्या पंडित राजेश तिवारी पंडित राजू शर्मा के अलावा अन्य महिला पुरुष श्रद्धालु कथा श्रवण कर रहे हैं।
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