World Diabetes Day: डायबिटीज कंसल्टेशन के आंकड़े डराने वाले हैं. कुल मिलाकर 50 प्रतिशत कंसल्टेशन 25-34 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों द्वारा लिए गए. 33 फीसद कंसल्टेशंस 35-44 साल के आयु वर्ग द्वारा जबकि 45-54 साल के आयु वर्ग वालों की कंसल्टेशंस में हिस्सेदारी 8 प्रतिशत देखने को मिली.
World Diabetes Day: हर वर्ष 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) के तौर पर मनाया जाता है. जिस तरह से दुनियाभर और भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, यह बहुत ही खतरनाक संकेत है. डायबिटीज को लेकर प्रैक्टो इंसाइट्स ने कुछ आंकड़े जारी किए हैं, जो बहुत ही चौकाने वाले और डराने वाले हैं. चलिए जानते हैं क्या हैं ये आंकड़े और हमें क्यों अपने खानपान व जीवनशैली पर बिना एक क्षण की भी देरी किए ध्यान देना चाहिए.
देश में डायबिटीज के चिंताजनक दर से बढ़ते मामलों के बीच प्रैक्टो इंडिया ने डायबिटीज कंसल्टेशंस (व्यक्तिगत तौर पर) में सालाना आधार (अक्टूबर 2020 से सितंबर 2021 बनाम अक्टूबर 2021 से सितंबर 2022) पर 44% की बढ़ोतरी दर्ज की है. इसमें भी सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि युवा डायबिटीज के मरीज बन रहे हैं. 25 से 34 वर्ष आयु वर्ग वाले युवा भारतीयों ने इस दौरान सबसे ज्यादा कंसल्टेशंस लीं. यह आंकड़े इस बात कि तस्दीक करते हैं. पिछले साल के मुकाबले इस आयुवर्ग के युवा भारतीयों के कंसल्टेशंस में 46 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.
डॉक्टरों के अनुसार, डायबिटीज के मामलों में इस तरह से बढ़ोतरी के कई कारण हैं. जिनमें खराब जीवनशैली, व्यायाम यानी एक्सरसाइज की कमी या खानपान की खराब आदतें भी शामिल हैं, जो युवा भारतीयों में डायबिटीज के बढ़ते मामलों के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हो सकते हैं.
इंसाइट्स में सामने आईं मुख्य बातें :
- डायबिटीज, डायबिटोलॉजिस्ट्स व एंडोक्राइनोलॉजिस्ट्स ढूंढ़े गए टॉप 3 सर्च रहे.
- टॉप 3 सर्च में से 46 फीसद सर्च डायबिटीज और डायबिटोलॉजिस्ट्स के लिए रहे, जबकि 54% सर्च एंडोक्राइनोलॉजिस्ट्स के लिए हुए.
- 25-34 वर्ष आयु वर्ग के युवा भारतीयों की कुल कंसल्टेशंस में 50 फीसद हिस्सेदारी रही. यह सालाना आधार पर 46 प्रतिशत अधिक है.
- 18-24 वर्ष आयु वर्ग की कुल कंसल्टेशंस में हिस्सेदारी 5 फीसद थी. जिसमें 91 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई.
- 35-44 वर्ष आयु वर्ग की कुल कंसल्टेशंस में हिस्सेदारी 33 फीसद थी; इसमें 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली.
- 45-54 वर्ष आयु वर्ग की कुल कंसल्टेशंस में हिस्सेदारी 8 प्रतिशत रही, और इसमें भी 18 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज हुई.
- 54 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की कुल कंसल्टेशंस में हिस्सेदारी 4 फीसद थी; जिसमें 0.41 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली.
कंसल्टेशन में सबसे अधिक बढ़ोतरी बेंगलुरु से
- कुल कंसल्टेशन में टियर 1 शहरों की हिस्सेदारी 95 फीसद थी; यह सालाना आधार पर 44 प्रतिशत अधिक है.
- आईटी हब बेंगलुरु की कुल कंसल्टेशंस में 29 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, इसमें 77 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज हुई.
- दिल्ली-NCR की कुल कंसल्टेशंस में हिस्सेदारी 40 फीसद थी; इसमें 46 प्रतिशत बढ़ोतरी देखने को मिली.
- मुंबई-नवी मुंबई की कुल कंसल्टेशंस में 9% हिस्सेदारी थी; इसमें 72 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई.
- हैदराबाद की कुल कंसल्टेशंस में हिस्सेदारी 14 फीसद रही; यहां भी 21 प्रतिशत बढ़ोतरी देखने को मिली.
- चेन्नई की कुल कंसल्टेशंस में 3% हिस्सेदारी रही और यहां भी 24% बढ़ोतरी दर्ज हुई.
- कुल कंसल्टेशंस में पुणे की हिस्सेदारी 5% थी; यहां भी 35% बढ़ोतरी दर्ज हुई है.
दूसरी ओर टियर 2 शहरों की कुल कंसल्टेशंस में 5% हिस्सेदारी रही है, इसमें सालाना आधार पर 24 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है.
* टाइमलाइन – अक्टूबर 2020-सितंबर 2021 बनाम अक्टूबर 2021-सितंबर 2022
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