इस मौसम में बहुत सारे लोग बीमार पड़ते हैं। इन दिनों सर्दी-जुकाम बुखार से बहुत सारे लोग ग्रस्त हैं। इसके अलावा डेंगू का प्रकोप भी बढ़ रहा है। मौसम में बदलाव आप भी महसूस कर रहे होंगे। हो सकता है, आपके आसपास कुछ लोग इस मौसम की समस्या से ग्रस्त हों। ऐसे लोगों के संपर्क में आने से आपको भी बुखार और खांसी-जुकाम होने की संभावना हो सकती है।
खासकर अगर आपके घर में बच्चे या बूढ़े हैं तो आपको अधिक संभल कर रहना चाहिए। नहीं तो ये बीमारियां आसानी से पूरे घर में फैल सकती हैं। आपको अपनी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना होगा। थोड़ा जीवन-शैली पर भी ध्यान देना होगा। अगर पूरी सर्दी के मौसम में आप थोड़ी सावधानी बरतें और अपनी सेहत पर ध्यान देंगे तो आप और आपका परिवार आसानी से बीमारियों से बचा रह सकता हैं।
बुखार
चिकित्सक बताते हैं कि बुखार अपने आप में कोई रोग नहीं है। वह किसी संक्रमण का लक्षण है। जब आपके शरीर में कोई अवांछित बैक्टीरिया या वायरस पहुंच जाता है, तो शरीर उससे लड़ना शुरू कर देता है। इसी क्रम में वह गरम रहने लगता है, जिसे हम बुखार कहते हैं। बुखार के साथ-साथ खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं भी आ घेरती हैं।
सिर दर्द और बदन दर्द रहने लगता है। अगर ऐसी समस्या होती है, तो आपको अधिक से अधिक शरीर को आराम देना चाहिए। इसमें नींद लेनी चाहिए। यों भी अगर आप पूरी नींद नहीं लेते हैं तो इसका प्रभाव आपकी प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी पर पड़ सकता है। आप अगर पर्याप्त नींद नहीं लेंगे तो आपकी सेहत आमतौर पर खराब ही रहने लगेगी।
जब भी खांसी, जुकाम और बुखार हो, गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए। हल्का भोजन करें, खूब पानी पीएं। तुलसी, अदरक, काली मिर्च, शहद का काढ़ा पीएं, तो इसमें लाभकारी रहता है। अगर खांसी अधिक हो रही है, तो अदरक को कद्दूकस करके उसमें थोड़ा शहद मिलाएं और खा लें, तुरंत आराम मिलेगा। बुखार की प्रकृति को जानना जरूरी है, क्योंकि यह कई वजहों से होता है। जांच करा कर ही दवा लें। मौसमी बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि अपनी जीवन-शैली में बदलाव करें और अपने दैनंदिन जीवन में कुछ बातों का कड़ाई से पालन करें। जैसे सुबह गुनगुने पानी में शहद और नीबू नीचोड़ कर पीएं। चाय-काफी कम कर दें।
शाकाहारी भोजन
आपको फल और सब्जियां अधिक से अधिक खानी चाहिए, क्योंकि इनमें एंटी आक्सीडेंट की मात्रा काफी अधिक होती है। यह आपके ऊतकों को स्वस्थ बनाता और प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। इससे आपको संक्रमण आदि से लड़ने में मदद मिलती है। इसलिए भोजन में हरी सब्जियां जरूर शामिल करें।
हाथ धोएं
किसी भी प्रकार के कीटाणुओं के लिए आपके हाथ, नाक और आंख प्रवेश द्वार होते हैं। जब भी आप खांसते या फिर छींकते हैं तो आपके मुंह से निकलने वाली बूंदें काफी जल्दी दूसरों तक पहुंचती हैं और यहीं से संक्रमण की शुरुआत होती है। इसलिए अगर आपके आसपास भी कोई खांस या फिर छींक रहा है तो आपको अपने हाथों को तुरंत साफ कर लेना चाहिए। जब भी घर से बाहर निकलें, मास्क पहनें तो इस तरह के संक्रमण से बच सकते हैं। जब भी बाहर से आएं, तो हाथ-मुंह-पांव जरूर धोएं।
केवल कोविड के डर से नहीं, सर्दी से बचने के लिए भी अपनी साफ-सफाई का ध्यान रखना है। सर्दी और बुखार आदि से बचने की सबसे आसान नुस्खा यही है कि आपको अपने हाथों को कीटाणु आदि से बचा कर रखना होगा। इसलिए अपने हाथ धोते रहें।
सर्दी से बचें
यह तो सब जानते हैं कि तनाव से कई बीमारियां पैदा होती हैं। सर्दी-जुकाम भी तनाव की वजह से पैदा हो सकता है। इसलिए किसी भी प्रकार के तनाव से बचें। अपनी मानसिक स्थिति को एक अच्छी सेहत प्रदान करना एक प्रक्रिया होती है। जोकि एक दो दिन का काम नहीं, बल्कि काफी लंबे समय का काम होता है। स्ट्रेस हार्मोन से आपकी प्रतिरोधक कमजोर हो सकती है। इसलिए योग और ध्यान करना न भूलें। जीवन-शैली में बदलाव करके तनाव-मुक्त रहा जा सकता है।
निर्जलीकरण से बचें
निर्जलीकरण यानी शरीर में पानी की कमी। शरीर में पानी की कमी होने से बुखार और खांसी-जुकाम का प्रकोप बढ़ सकता है। इसलिए उचित मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। इसका अर्थ यह भी नहीं कि केवल पानी पीएं, आप गर्म सूप, फलों का रस, कोई अन्य गरम तरल पदार्थ जैसे रसम वगैरह भी पी सकते हैं। इससे आपको सर्दी भी नहीं लगेगी और आपकी प्रतिरोधक भी मजबूत बनी रहेगी। इस तरह आप किसी भी प्रकार के सर्दी-जुकाम के संक्रमण से बचे रहेंगे। निर्जलीकरण से बचने के लिए सेंधा नमक का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। (यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें।)
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post