How to Control Diabetes: आज से कुछ दशकों पहले तक डायबिटीज यानी मधुमेह को बुजर्गों की बीमारी के नाम पर जाना जाता था. लेकिन, कम उम्र के युवा और छोटे-छोटे बच्चे भी इस बीमारी सी पीड़ित होते हुए दिख रहे हैं. एक्सपर्ट इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह खराब जीवनशैली और अनहेल्दी खानपान को मानते हैं. डायबिटीज एक ऐसी मेटाबॉलिक डिसऑर्डर बीमारी है जो सीधे तौर पर हमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी हुई है. डायबिटीज कितनी खतरनाक बीमारी है उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह पीड़ित के साथ जीवन पर्यन्त रहती है.
डायबिटीज से कंट्रोल करने के लिए जीवनशैली में कई बड़े बदलाव की जरूरत होती है और साथ ही मरीज को नियमों के साथ रहना पड़ता है. लाइफस्टाइल में बदलाव करके हम शुगर के लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं लेकिन, पिछली कुछ दिनों में कई रिपोर्ट्स में कुछ लोगों ने यह भी कहा कि डायबिटीज को सिर्फ ब्रीदिंग एक्सरसाइज के माध्यम से कंट्रोल कर सकते हैं. ब्रीदिंग एक्सरसाइस से क्या मधुमेह स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है इसे जानने के लिए हमने हेड ऑफ डिपॉर्टमेंट डायबिटीज एंड एंडोक्रोनोलॉजी डॉ. राकेश कुमार प्रसाद से बात की. आइए जानते है कि उन्होंने इस पर क्या कहा.
बच्चे हो रहे हैं डायबिटीज से पीड़ित
डॉक्टर राकेश कुमार के अनुसार डायबिटीज के बढ़ते मामलों के पीछे सबसे बड़ी वजह हमारी बदली हुई लाइफ स्टाइल है. उन्होंने कहा कि पहले लोग पार्क में ज्यादा समय बिताते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है. लोग अनहेल्दी लाइफस्टाइल को तेजी से अपना रहे हैं जिसका असर स्वास्थ्य पर साफतौर पर दिखाई दे रहा है. डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि 15 से 21 साल के बच्चे भी तेजी से डायबिटीज से पीड़ित हो रहे हैं.
कितनी प्रभावी है ब्रीदिंग एक्सरसाइज
ब्रीदिंग एक्सरसाइज डायबिटीज में कितना अधिक कारगर है इसको लेकर डॉक्टर प्रसाद ने कहा कि सिर्फ ब्रीदिंग एक्सरसाइज के माध्यम से डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया जा सकता. डायबिटीज के स्तर को सुधारने के लिए सबसे पहले लाइफस्टाइल में बदलाव करना होगा. बिना जीवशैली बदले सिर्फ एक्ससाइज से मधुमेह को कंट्रोल नहीं किया जा सकता. ब्रीदिंग एक्सरसाइज को लेकर उन्होंने कहा कि यह सामान्य तौर पर फेफड़ों कों मजबूत करने के लिए होती है लेकिन, जब आपके शरीर में ऑक्सीजन की सही मात्रा पहुंचती है तो इसका असर पूरे शरीर में होता है. आपके सभी अंग अच्छे से काम करते हैं लेकिन ब्रीदिंग एक्सरसाइज का सीधे डायबिटीज या फिर इंसुलिन से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि डायबिटीज को कंट्रोल करने का पहला कदम लाइफस्टाइल में बदलाव करना ही है.
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डायबिटिजी से इन अंगो पर पड़ने लगता है असर
डॉक्टर राकेश प्रसाद ने बताया कि डायबिटीज होने पर पांच साल में ब्लड प्रेशर हो जाता है. पांच से दस साल में हार्ट और ब्रेन कोशिकाएं चोक होना शुरू हो जाएंगी और इसके बाद इसका असर किडनी में भी पहुंच जाएगा. लंबे समय तक डायबिटीज रहने से आंखों में रेटीना खराब होना शुरू हो जाता है. डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया गया तो इसका असर शरीर के हर एक अंग पर दिखने लगता है.
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डायबिटीज पेशेंट को क्या खाना चाहिए
डाक्टर प्रसाद ने कहा कि वैसे तो डायबिटीज पेशेंट को सभी कुछ खाना चाहिए. दाल, रोटी, दूध, दही, पनीर, फल में- सेब, संतरा अनार, पपीता, नाशपाती और मौसमी फल खाने चाहिए लेकिन जब आहार लें तो इस बात का ध्यान रहे तो भोजन अधिक तला हुआ न हो और शुगर की मात्रा जीरो हो. इसके साथ ही कम कैलोरी वाला फूड्स का सेवन करना चाहिए. खाने में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि फूड्स लेस कार्बोहाइड्रेट वाले होने चाहिए.
एक्सरसाइज है जरूरी
एक्सपर्ट की माने तो डायबिटी से बचने के लिए डाइट और एक्सरसाइज दोनों का संतुलन होना बहुत जरूरी है. हर दिन 45 मिनट की एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट आपको डायबिटीज के खतरे से दूर रख सकती है. जरूरी नहीं है कि जिम में घंटो समय बिताया जाए इसके लिए रनिंग, जॉगिंग और स्वीमिंग कुछ भी किया जा सकता है, लेकिन हर दिन व्यायाम जरूरी है.
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Tags: Diabetes, Health, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : November 17, 2022, 18:00 IST
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