बरेली: भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई ) के 44वें स्थापना दिवस के वार्षिकोत्सव के शुभ अवसर पर कल “विराट कुक्कुट मेला” तथा “किसान गोष्ठी” का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग तथा महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने सीएआरआई के नवनिर्मित प्रशासनिक-सह-प्रयोगशाला भवन का लोकार्पण र्किया। इससे पहले उन्होंने सीएआरआई के विभिन्न कुक्कुट फार्मों का निरीक्षण किया। मुख्य अतिथि डॉ. पाठक ने सीएआरआई के पुराने परिसर में “विराट कुक्कुट मेला” एवं ‘’कुक्कुट प्रदर्शिनी’’ का उद्घाटन किया। डॉ. पाठक ने सीएआरआई परिवार को सीएआरआई के स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाऍं दी तथा समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि कृषि के साथ-साथ पशु पालन को अपनाया जाए। उन्होंने मेले में उपस्थित किसानों, कुक्कुट पालकों , उद्यमियों तथा संस्थान के वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहॉं अधिकांश लोग परम्परागत ढंग से कृषि कार्य कर रहे हैं। हमें कृषि कार्य में परम्परा और आधुनिक विज्ञान की नई-नई टेक्नोलॉजी मिलाकर काम करना है। वर्तमान समय में सरकारी संस्थान, स्टार्टअप और किसानों को मिलकर काम करना है। अब केवल टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर से काम नहीं हो पा रहा है। इसलिए उन्हें फंडिंग भी की जाएगी और तकनीकी जानकारी प्रदान कर उनके काम को आगे बढ़ाने में उनकी मदद की जाएगी। किसानों की आवश्यकताओं के बारे में जानकारी लेकर उनकी मदद की जाएगी। उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि बरेली शहर को आईवीआरआई और सीएआरआई के नाम से जाना जाय।
महानिदेशक महोदय ने एग्रीकल्चर की वर्तमान और भावी चुनौतियों और उनके समाधान पर भी प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि डॉ. भूपेन्द्र नाथ त्रिपाठी, उप-महानिदेशक (पशु-विज्ञान) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. त्रिवेणी दत्त, निदेशक, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर तथा परिषद के सहायक महानिदेशक डॉ. विशेष कुमार सक्सेना मौजूद थे। संस्थान के निदेशक डॉ. अशोक कुमार तिवारी ने स्वागत सम्बोधन प्रस्तुत किया एवं संस्थान की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया । संस्थान के वैज्ञानिकों ने डॉ. पाठक को “विराट कुक्कुट मेले” में सीएआरआई द्वारा लगाई गई लाइव-स्टॉक प्रदर्शनी- मुर्गी, बटेर, गिनी फाउल, टर्की, गिरीग्राम तकनीकी पार्क, मुर्गी के अण्डों से चूजे निकाले की सस्ती मशीन आदि की तकनीकी जानकारी दी। इसके अतिरिक्त किसान संगोष्ठी में वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को सरकारी तथा गैर सरकारी व वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं की जानकारी, पोल्ट्री से संबंधित समस्याओं का समाधान, बैंकों द्वारा पोल्ट्री फार्म स्थापित करने हेतु फाइनेंस की जानकारी प्रदान की गई। कुक्कुट मेले में मुर्गी अण्डा – मांस व अन्य पोल्ट्री प्रोडक्ट्स की प्रदर्शनी व बिक्री की गई। इसके साथ-साथ संस्थान के निदेशक व वैज्ञानिकों ने मेले में आए अन्य संस्थानों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की स्टालों का भ्रमण कराया। इस अवसर पर दूर-दराज गॉंवों आए कुक्कुट उद्यमी, कुक्कुट पालक, किसान, स्कूल के छात्र-छात्राऍं तथा संस्थान के सभी वैज्ञानिक, अधिकारी तथा कर्मचारी शामिल थे। स्वागत सम्बोधन डॉ. संजीव कुमार , प्रधान वैज्ञानिक ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ. चन्द्रहास, प्रधान वैज्ञानिक ने किया।
बरेली से ए सी सक्सेना की रिपोर्ट
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