गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दान अभिलेखों में स्टांप ड्यूटी में छूट का लाभ उठाकर कई लोगों ने खून के रिश्ते में दान लेकर उसी संपत्ति को दान किया है। इस तरह के कार्य को व्यवस्था के दुरुपयोग के रूप में भी देखा जा रहा है। इस तरह के लोगों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है। एक सप्ताह के भीतर यह काम पूरा करना होगा।
इस तिथि तक लागू है योजना, इसके बाद होगी समीक्षा
दान अभिलेखों में छूट की योजना 17 दिसंबर तक लागू है। उसके बाद सरकार इस बात की समीक्षा करेगी कि इस योजना से कितना फायदा व कितना नुकसान है। उसी के बाद इसे जारी रखने पर निर्णय लिया जाएगा।
दुरुपयोग नहीं रुका तो दाल करने पर लग सकती हैं कुछ पाबंदियां
समीक्षा के दौरान दान लेकर दान देने से होने वाले राजस्व नुकसान का आकलन भी किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह योजना जारी रही तो दान लेकर दान देने पर कुछ पाबंदियां लगाई जा सकती हैं।
तेजी से बढ़ी संख्या
इस योजना की समय सीमा पूरी होते देख दान अभिलेख के जरिए रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस समय होने वाली रजिस्ट्री में 40 से 50 प्रतिशत संख्या उन्हीं की है। गोरखपुर जिले में इस योजना से खून के रिश्ते में रजिस्ट्री करने वालों को करीब 35 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है।
इन्हें रजिस्ट्री करने पर मिलता है फायदा
पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु (पुत्र की पत्नी), दामाद (पुत्री का पति), सगा भाई, सगी बहन, पुत्र/पुत्री के पुत्र-पुत्री के संबंधों में यह नियम लागू हो रहा है।
जिन्होंने खून के रिश्ते में दान लेकर उसी संपत्ति को दान किया है, शासन के निर्देश पर उनकी सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही सूची तैयार कर ली जाएगी। 17 दिसंबर तक यह योजना प्रभावी है। उसके बाद समीक्षा की जाएगी। – केपी पांडेय, डीआइजी स्टांप।
Edited By: Pradeep Srivastava
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