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- Satna Will Run Against Depression, The World’s Largest Non stop Relay Marathon Will Reach Satna By Covering A Distance Of 3000 Km.
सतना11 घंटे पहले
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रत्नेश पांडेय
भौतिकतावादी चकाचौंध और आधुनिकता भरे जीवन मे सबसे बड़ी समस्या बनते जा रहे डिप्रेशन यानी अवसाद से बचने-बचाने की कोशिशों के बीच सतना अब अवसाद के खिलाफ दौड़ेगा। दुनिया की सबसे बड़ी नॉन स्टॉप रिले मैराथन दौड़ में शामिल धावक इसके जरिए लोगों को अवसाद से बचने के तरीके बताएंगे और स्वस्थ्य जीवन शैली का संदेश देंगे।
डिप्रेशन के खिलाफ इस अनोखी जंग की शुरुआत प्रदेश के पहले पर्वतारोही,माउंट एवरेस्ट विजेता एवं विक्रम अवार्डी रत्नेश पांडेय ने की है। रत्नेश की सामाजिक सरोकारों से जुड़ी संस्था रत्नेश पांडेय फाउंडेशन और हिमालयन नाइट्स ने डिप्रेशन से जंग युवाओं के संग के नारे के साथ 8 हजार किमी लंबी नॉन स्टॉप रिले मैराथन आयोजित की है। यह रिले मैराथन पूरे देश का भ्रमण करते हुए दिल्ली के इंडिया गेट पहुंच कर पूर्ण होगी। टीम रत्नेश के धावक 25 नवम्बर को सतना पहुंचेंगे जहां स्थानीय लोग भी अवसाद के खिलाफ लड़ाई में सहभागिता करते हुए शहर की सड़कों पर दौड़ेंगे और स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाने का संदेश देंगे।
विक्रम अवार्डी रत्नेश पांडेय ने बताया कि मैराथन को 10 नवम्बर को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था। विभिन्न राज्यों से होते हुए यह दौड़ 8 हजार किमी का सफर तय करेगी। शुक्रवार 25 नवम्बर को यह नॉन स्टॉप रिले मैराथन 3000 किमी का सफर तय कर सतना पहुंचेगी। यहां सिविल लाइन चौराहे पर महापौर योगेश ताम्रकार हरी झंडी दिखाकर धावकों को रवाना करेंगे। शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई मैराथन सुभाष पार्क पहुंचेगी जहां आयोजित एक गरिमामय समारोह में धावकों का उत्साह वर्धन किया जाएगा।
माउंट एवरेस्ट विजेता रत्नेश पांडेय ने बताया कि रिले मैराथन में 10- 10 धावकों की टीम लगातार दौड़ रही है। इनका एक लैप 10 किलोमीटर का है। निगरानी के लिए साथ-साथ अन्य टीमें भी चल रही हैं। गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम भी साथ है। उन्होंने बताया कि मैराथन में सहभागिता करने वाले प्रत्येक धावक को इस वर्ल्ड रिकार्ड में पार्टिसिपेशन का सर्टिफिकेट भी व्यक्तिगत तौर पर दिया जाएगा। यह दौड़ लोगों को अवसाद और तनाव से दूर कर उन्हें ऊर्जा देगी।
बता दें कि सतना के साधारण परिवार में जन्मे रत्नेश पांडेय मप्र के पहले ऑफिशियल पर्वतारोही हैं, जिन्होंने दुनिया के सबसे बड़े पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की और वहां राष्ट्रगान का गायन कर देश का गौरव बढ़ाया। बाइक राइडिंग में भी अपना नाम विश्व रिकार्ड मे दर्ज करा चुके रत्नेश ने किन्नरों के दल और दिव्यांगों को भी पर्वतारोहण कराया। वे सतना स्मार्ट सिटी के ब्रांड एम्बेसडर भी हैं। रत्नेश का नाम हाल ही में विक्रम अवार्ड के लिए चयनित किया गया है।
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