देश में हर साल सड़क हादसों में करीब 1.5 लाख लोगों की मौत के ग्राफ ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। सड़क हादसों को कम करने के लिए हर स्तर पर मंथन चल रहा है। इसी चिंता के चलते शहरी क्षेत्रों में नेशनल और स्टेट हाइवे जैसे तेज गति वाले मार्गों पर अब अलग से ‘दुपहिया वाहन लेन’ बनाने की रणनीति तैयार की गई है।
इसके साथ ही नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर जानवरों से होने वाले हादसों को रोकने के लिए कैटल अंडरपास बनाने का प्रस्ताव भी है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चल रहे इंडियन रोड कांग्रेस के तकनीकी सत्र में शामिल एक विशेषज्ञ ने नाम न छापने की शर्त पर रविवार को बताया कि मंत्रालय द्वारा शहरी क्षेत्र में हाइवे पर दुपहिया वाहन लेन बनाने का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है।
इस ड्राफ्ट में ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल करने का विचार है। उन्होंने बताया कि वियतनाम, मलेशिया और इंडोनेशिया, इन तीन देशों में सभी प्रमुख मार्गों पर दुपहिया वाहन लेन हैं। इन देशों में कुल वाहनों की संख्या में 80 फीसदी दुपहिया वाहन हैं। भारत में भी कमोवेश यही स्थिति है।
भारत में वर्तमान में करीब 30 करोड़ वाहन सड़कों पर दौड़ते हैं, जिनमें से 70 से 80 फीसदी के बीच दुपहिया वाहन हैं। भारत में होने वाले कुल हादसों में 40 फीसदी हादसे दुपहिया वाहन के होते हैं। ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि को कम करने के लिए दुपहिया वाहन लेन बनाने की तैयारी है।
भारत सरकार की रोड सेफ्टी मीटिंग में कैटल अंडरपास प्रस्तावित
रविवार को मार्स हाल में आयोजित तकनीकी सत्र के दौरान उठे सवालों के जवाब में इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के महासचिव व सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के विशेष सचिव एसके निर्मल ने कहा कि हाइवे पर जानवरों से होने वाले हादसों पर रोक के लिए कैटल अंडरपास प्रस्तावित किया जा रहा है। इस मुद्दे पर रोड सेफ्टी की बैठक में चर्चा हो चुकी है।
हादसों को रोकने के लिहाज से नहीं होती सड़कों की डिजाइन
विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में सड़कों की डिजाइन रोड सेफ्टी के मानकों को ध्यान में रखते हुए नहीं तैयार की जाती है, जो चिंता का विषय है। यहां सड़कों की डिजाइन चार पहिया वाहनों के लिए की जाती है। हादसों के पीछे रोड डिजाइन, लाइसेंसिंग प्रक्रिया, इंफोर्समेंट आदि से जुड़े कई विभाग जिम्मेदार होते हैं।
हाइवे पर हादसे रोकने के लिए विश्व बैंक की स्टडी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
तकनीकी सत्र की अध्यक्षता इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के महासचिव व सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के विशेष सचिव एसके निर्मल ने की। जापानी कंपनी ईस्ट निप्पन एक्सप्रेस-वे के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर के. ओकिजीमो ने पेवमेंट सर्वे टेक्नालाजी के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
विश्व बैंक के सीनियर ट्रांसपोर्ट कंसल्टेंट के. श्रीनिवासन ने शहरी क्षेत्रों में नेशनल और स्टेट हाइवे पर सु्रक्षा के संबंध में विश्व बैंक की स्टडी को प्रस्तुत किया। मध्यप्रदेश पीडब्ल्यूडी विभाग के सचिव आरके मेहरा ने समापन संबोधन दिया।
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