लखनऊ, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ खंडपीठ ने कहा है कि राज्य सरकार वाटर पार्क में इस्तेमाल की जाने वाले कास्ट्यूम (Water Park Costumes) के लिए मनोरंजन कर (Entertainment Tax) नहीं वसूल सकती है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यूपी इंटरटेनमेंट एंड बेटिंग टैक्स एक्ट के तहत कास्ट्यूम को एक इंस्ट्रूमेंट के तौर पर परिभाषित नहीं किया गया है लिहाजा इस पर मनोरंजन कर नहीं वसूला जा सकता।
हाई कोर्ट ने कहा- जुर्माना लगाना अविधिक
यह निर्णय जस्टिस पंकज भाटिया की पीठ ने आनंदी वाटर पार्क रिजार्ट एंड क्लब की ओर से इसके निदेशक द्वारा दाखिल एक रिट याचिका पर पारित किया। अपने आदेश में हाई कोर्ट ने कहा कि कास्ट्यूम के लिए वाटर पार्क से कर वसूली करना व उस पर जुर्माना लगाना अविधिक है।
याची ने जुर्माने के आदेश को दी थी चुनौती
याची की ओर से तीन लाख 17 हजार 378 रुपये के कर और कर न जमा करने पर लगाए गए बीस हजार रुपये जुर्माने के आदेश को चुनौती दी गई थी। दलील दी गई कि उक्त कर अधिरोपित किए जाने के आदेश में कहा गया है कि याची के वाटर पार्क का वर्ष 2010 में सर्वे किया गया था जिसमें पाया गया कि वाटर पार्क में पुरुषों के कास्ट्यूम के लिए 30 रुपये और महिलाओं के लिए 60 रुपये वसूला जाता है।
वाटर पार्क में कास्ट्यूम लेना अनिवार्य नहीं
दलील में कहा गया कि वाटर पार्क में कास्ट्यूम के लिए अलग से एक काउंटर है जिसे ठेकेदार द्वारा चलाया जाता है, वाटर पार्क में आने वालों के लिए इसे लेना अनिवार्य नहीं है। याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सर्वे में यह बात सामने आई कि 30 और 60 रुपये की वसूली कास्ट्यूम के लिए की जा रही है अतः इस पर मनोरंजन कर लगाना सही है।
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Edited By: Umesh Tiwari
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