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दिवाली के दौरान 108 सेवा की एंबुलेंस किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए मुस्तैद रहेंगी। इसके लिए तैयारियां पूरी कर दी गई हैं। 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा मुख्यालय में शनिवार को दिवाली की तैयारियों को लेकर जीएम प्रोजेक्ट अनिल शर्मा ने अधिकारियों के साथ बैठक की।
शर्मा ने बताया कि दीप पर्व दिवाली को देखते हुए प्रदेशभर में तैनात समस्त 272 एंबुलेंस को हाई अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए गए हैं। कर्मचारियों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद रहने को कहा गया है। दिवाली के दौरान संवेदनशील स्थानों पर तैनात एंबुलेंस जाम में न फंसे, इसके लिए भी व्यापक स्तर तकनीकी तैयारियां की गई हैं। ताकि जाम, भीड़भाड़ आदि स्थिति की पूर्व सूचना देहरादून स्थित केंद्रीय काल सेंटर को मिल सके। देहरादून में सर्वे चौक, घंटाघर, जाखन, रायपुर, बल्लूपुर चौक, प्रेम नगर, विधानसभा, रेस कोर्स में मुख्य चौराहों पर एंबुलेंस की तैनाती की गई है।
किसी भी आपात स्थिति की सूचना मिलने पर तत्काल एंबुलेंस को किसी भी दिशा में रवाना किया जा सके। बताया कि 108 सेवा के प्रदेश मुख्यालय के साथ-साथ जनपदों में कार्यरत कर्मचारी दिवाली के दिन अवकाश पर भी सेवा में तैनात रहेंगे। बताया कि पिछले वर्ष धनतेरस से लेकर दिवाली के दौरान अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक आपातकालीन सूचनाएं मिलने से अधिक सतर्कता बरती जा रही है। इसके साथ ही केंद्रीय काल सेंटर में अन्य दिनों की अपेक्षा आपातकालीन सहायता के लिए अधिक फोन आने की संभावना को देखते हुए अतिरिक्त तकनीकी स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है।
मोबाइल टीमों का गठन—
प्रदेशभर में 108 आपातकालीन सेवा द्वारा मोबाइल टीमों का भी गठन किया गया है, जो सुबह आठ से लेकर रात 12 बजे तक देहरादून के साथ-साथ हर जिले में तैनात कर्मचारियों की मुस्तैदी का भी आकलन कर रही है। इसके अलावा 18 अतिरिक्त बैकअप एंबुलेंस की भी तैनाती की गई है।
पिछले वर्ष के आंकड़े (धनतेरस से दिवाली तक)
कुल केस-1,928
प्रसव संबंधी-56
एंबुलेंस में प्रसव-11
रोड ट्रैफिक एक्सीडेंट-152
हृदय रोग संबंधित केस-58
जलने/आग लगने से संबंधित केस-17
अन्य-1,139
खुशियों की सवारी भी अलर्ट मोड में—
इस दौरान खुशियों की सवारी (केकेएस) सेवा को भी अलर्ट मोड़ में रखा गया। त्योहारों को देखते हुए खासा ध्यान रखा जा रहा कि गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व होने वाली अल्ट्रासाउंड आदि जांचें आसानी से हो सकें। इसके साथ ही प्रसव बाद महिलाओं को बिना किसी असुविधा के घर तक पहुंचाया जा सके।
दिवाली के दौरान 108 सेवा की एंबुलेंस किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए मुस्तैद रहेंगी। इसके लिए तैयारियां पूरी कर दी गई हैं। 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा मुख्यालय में शनिवार को दिवाली की तैयारियों को लेकर जीएम प्रोजेक्ट अनिल शर्मा ने अधिकारियों के साथ बैठक की।
शर्मा ने बताया कि दीप पर्व दिवाली को देखते हुए प्रदेशभर में तैनात समस्त 272 एंबुलेंस को हाई अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए गए हैं। कर्मचारियों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद रहने को कहा गया है। दिवाली के दौरान संवेदनशील स्थानों पर तैनात एंबुलेंस जाम में न फंसे, इसके लिए भी व्यापक स्तर तकनीकी तैयारियां की गई हैं। ताकि जाम, भीड़भाड़ आदि स्थिति की पूर्व सूचना देहरादून स्थित केंद्रीय काल सेंटर को मिल सके। देहरादून में सर्वे चौक, घंटाघर, जाखन, रायपुर, बल्लूपुर चौक, प्रेम नगर, विधानसभा, रेस कोर्स में मुख्य चौराहों पर एंबुलेंस की तैनाती की गई है।
किसी भी आपात स्थिति की सूचना मिलने पर तत्काल एंबुलेंस को किसी भी दिशा में रवाना किया जा सके। बताया कि 108 सेवा के प्रदेश मुख्यालय के साथ-साथ जनपदों में कार्यरत कर्मचारी दिवाली के दिन अवकाश पर भी सेवा में तैनात रहेंगे। बताया कि पिछले वर्ष धनतेरस से लेकर दिवाली के दौरान अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक आपातकालीन सूचनाएं मिलने से अधिक सतर्कता बरती जा रही है। इसके साथ ही केंद्रीय काल सेंटर में अन्य दिनों की अपेक्षा आपातकालीन सहायता के लिए अधिक फोन आने की संभावना को देखते हुए अतिरिक्त तकनीकी स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है।
मोबाइल टीमों का गठन—
प्रदेशभर में 108 आपातकालीन सेवा द्वारा मोबाइल टीमों का भी गठन किया गया है, जो सुबह आठ से लेकर रात 12 बजे तक देहरादून के साथ-साथ हर जिले में तैनात कर्मचारियों की मुस्तैदी का भी आकलन कर रही है। इसके अलावा 18 अतिरिक्त बैकअप एंबुलेंस की भी तैनाती की गई है।
पिछले वर्ष के आंकड़े (धनतेरस से दिवाली तक)
कुल केस-1,928
प्रसव संबंधी-56
एंबुलेंस में प्रसव-11
रोड ट्रैफिक एक्सीडेंट-152
हृदय रोग संबंधित केस-58
जलने/आग लगने से संबंधित केस-17
अन्य-1,139
खुशियों की सवारी भी अलर्ट मोड में—
इस दौरान खुशियों की सवारी (केकेएस) सेवा को भी अलर्ट मोड़ में रखा गया। त्योहारों को देखते हुए खासा ध्यान रखा जा रहा कि गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व होने वाली अल्ट्रासाउंड आदि जांचें आसानी से हो सकें। इसके साथ ही प्रसव बाद महिलाओं को बिना किसी असुविधा के घर तक पहुंचाया जा सके।
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