उज्जैन23 मिनट पहले
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हमारा शहर कितना रहने लायक है या रहनशील शहर के मापदंडों पर कितना खरा है, यह पता लगाने केंद्र सरकार नागरिकों के बीच सर्वे करा रही है। सर्वे में हमें 17 सवालों के जवाब देना है। इससे शहर की रैंक तय होगी। सर्वे में भाग लेने वाले नागरिकों को सर्टिफिकेट भी मिलेगा। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से चलाए जा रहे अर्बन आउटकम्स फ्रेमवर्क के तहत सभी शहरों का इंटीग्रेटेड डाटा पोर्टल पर अपलोड किया है। अब लोगों से फीडबैक लेने के लिए सिटीजन प्रिपरेशन सर्वे की शुरुआत की है।
इसके तहत शहरवासी अपने शहर की आधारभूत संरचना, जीवन शैली, शिक्षा, स्वास्थ्य और यातायात से संबंधित 17 सवालों पर अपनी राय दे सकते हैं। इस सर्वे का उद्देश्य शहर में रहने वाले लोगों की जीवन शैली अर्थात इज ऑफ लिविंग और उपलब्ध आधारभूत संरचना की स्थिति का आकलन किया जाए। नागरिकों द्वारा दी गई राय के आधार पर शहर की रैंकिंग होगी। नागरिकों की जानकारी के आधार पर व्यवस्थाओं में सुधार के लिए नई योजनाएं बनाई जा सकेंगी। इससे पता चलेगा कि शहर किस क्षेत्र में पीछे है।
क्यूआर कोड को करें स्कैन
सर्वे में भाग लेने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। इसमें जाकर रेफरल कोड 802230 सहित नाम, पता, उम्र डालकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। फिर आप इसमें अपनी राय दे सकते हैं। सर्वे में शामिल लोगों को डिजिटल सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
कोविड के बाद पिछली बार 33वें नंबर पर था उज्जैन
कोविड के बाद 2020 में हुए केंद्र सरकार के सर्वे में इज ऑफ लिविंग (रहने लायक शहर) में उज्जैन देश में 33वें नंबर पर था, जबकि म्युनिसिपल परफॉरमेंस इंडेक्स में उज्जैन का नंबर 19वां रहा था। अब नागरिक बताएंगे कि दो साल बाद उज्जैन की स्थिति में क्या अंतर आया है।
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