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हल्द्वानी। हिमालय से सटे 11 राज्यों में भले ही अपराध पर नियंत्रण होने और अपराधों का ग्राफ कम होने का दावा किया जाता रहा हो मगर हकीकत यह है कि इन राज्यों में अपराध बढ़ रहे हैं। असम, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, सिक्किम की जेलों में कैदी और बंदियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। असम और उत्तराखंड की जेलों में कैदियों और बंदियों की संख्या सबसे ज्यादा है। कुछ राज्यों की जेलें तो आम दिनों में होने वाले अपराधों के आरोपियों की जगह नजरबंद और संदिग्ध लोगों से भरी हुई हैं।
केंद्रीय आंकड़ों के मुताबिक हिमालय से सटे 11 राज्यों में इस समय 46,065 कैदी और बंदी सजा काट रहे हैं। इनमें से 8,875 दोष सिद्ध अपराधी हैं और 37,190 बंदी ऐसे हैं जो रिहाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं और उनका मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
जम्मू-कश्मीर और नागालैंड की जेलों में 400 से भी ज्यादा आपराधिक प्रवृत्ति के ऐसे लोग हैं जिन्हें नजरबंद किया गया है। सर्वाधिक कैदी और बंदी वाले राज्यों में असम और उत्तराखंड का नाम सबसे पहले आता है। यहां की जेलों में 33,662 कैदी और बंदी सजा काट रहे हैं। इनमें दोष सिद्ध कैदियों की संख्या 5,568 है। ऐसे कैदी जिनके मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं उनकी संख्या 25,470 हैं। वहीं उत्तराखंड के देहरादून की जेल में एक व्यक्ति को नजरबंद करके भी रखा गया है। संवाद
राज्यवार कैदी और बंदियों की संख्या
राज्य दोषसिद्ध विचाराधीन नजरबंद
असम 3405 20439 00
उत्तराखंड 2163 5031 01
जम्मू-कश्मीर 182 4457 416
हिमाचल 948 2009 00
मिजोरम 938 1346 02
मेघालय 253 1510 00
त्रिपुरा 431 735 06
अरुणाचल प्रदेश 178 463 00
नागालैंड 155 459 68
मणिपुर 100 520 01
सिक्किम 122 221 00
नोट : यह आंकड़ा 09 अक्तूबर 2022 तक का है। स्रोत: नेशनल प्रिजेंस इंफार्मेशन पोर्टल (एनपीआईपी)
हल्द्वानी। हिमालय से सटे 11 राज्यों में भले ही अपराध पर नियंत्रण होने और अपराधों का ग्राफ कम होने का दावा किया जाता रहा हो मगर हकीकत यह है कि इन राज्यों में अपराध बढ़ रहे हैं। असम, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, सिक्किम की जेलों में कैदी और बंदियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। असम और उत्तराखंड की जेलों में कैदियों और बंदियों की संख्या सबसे ज्यादा है। कुछ राज्यों की जेलें तो आम दिनों में होने वाले अपराधों के आरोपियों की जगह नजरबंद और संदिग्ध लोगों से भरी हुई हैं।
केंद्रीय आंकड़ों के मुताबिक हिमालय से सटे 11 राज्यों में इस समय 46,065 कैदी और बंदी सजा काट रहे हैं। इनमें से 8,875 दोष सिद्ध अपराधी हैं और 37,190 बंदी ऐसे हैं जो रिहाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं और उनका मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
जम्मू-कश्मीर और नागालैंड की जेलों में 400 से भी ज्यादा आपराधिक प्रवृत्ति के ऐसे लोग हैं जिन्हें नजरबंद किया गया है। सर्वाधिक कैदी और बंदी वाले राज्यों में असम और उत्तराखंड का नाम सबसे पहले आता है। यहां की जेलों में 33,662 कैदी और बंदी सजा काट रहे हैं। इनमें दोष सिद्ध कैदियों की संख्या 5,568 है। ऐसे कैदी जिनके मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं उनकी संख्या 25,470 हैं। वहीं उत्तराखंड के देहरादून की जेल में एक व्यक्ति को नजरबंद करके भी रखा गया है। संवाद
राज्यवार कैदी और बंदियों की संख्या
राज्य दोषसिद्ध विचाराधीन नजरबंद
असम 3405 20439 00
उत्तराखंड 2163 5031 01
जम्मू-कश्मीर 182 4457 416
हिमाचल 948 2009 00
मिजोरम 938 1346 02
मेघालय 253 1510 00
त्रिपुरा 431 735 06
अरुणाचल प्रदेश 178 463 00
नागालैंड 155 459 68
मणिपुर 100 520 01
सिक्किम 122 221 00
नोट : यह आंकड़ा 09 अक्तूबर 2022 तक का है। स्रोत: नेशनल प्रिजेंस इंफार्मेशन पोर्टल (एनपीआईपी)
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