मानव सभ्यता का सबसे पुराना व्यवसाय, जो कई कारणों से पिछड़ा हुआ था, वह 5जी नेटवर्क के बाद स्मार्ट होने की तरफ बढ़ेगा. वहीं 5 जी नेटवर्क किसानों के लिए भी तरक्की के दरवाजे खुलेगा.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC 2022) का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने देश में 5जी नेटवर्क सर्विस की शुरुआत की है. जिसे देश के लिए क्रांतिकारी बदलाव माना जा रहा है. माना जा रहा है कि देश में 5जी नेटवर्क की शुरुआत होने से कई सेक्टरों में आमूल-चूल परिवर्तन हाेगा. 5जी नेटवर्क से प्रभावित होने वाले सेक्टरों में कृषि सेक्टर भी शामिल है. जिस तरह की 5 जी नेटवर्क की खूबियां हैं, उससे कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव होने की उम्मीद है. मसलन, मानव सभ्यता का सबसे पुराना व्यवसाय, जो कई कारणों से पिछड़ा हुआ था, वह 5जी नेटवर्क के बाद स्मार्ट होने की तरफ बढ़ेगा. वहीं 5 जी नेटवर्क किसानों के लिए भी तरक्की के दरवाजे खुलेगा. 5 जी नेटवर्क कैसे कृषि को प्रभावित करेगा और इससे किसानों को कैसे फायदा होगा, इस पर एक रिपोर्ट…
कृषि में ड्रोन के प्रयोग का दायरा बढ़ेगा
देश-दुनिया में ड्रोन तकनीक बेशक नई है. इस बीच भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र में भी ड्रोन तकनीक को अपनाने का फैसला लिया है. जिसके तहत मौजूदा समय में कीटनाशकों व उर्वरकों के छिड़काव के लिए ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा है. लेकिन, 5 जी नेटवर्क के आ जाने के बाद के कृषि में ड्रोन का दायरा बढ़ जाएगा. एक तरफ 5 जी नेटवर्क से कीटनाशाकों और उर्वरकों के छिड़काव में सटीकता आएगी. तो वहीं इंटरनेट स्पीड के बढ़ने से मैपिंग भी सटीक हो सकेगी. इसके साथ ही ड्रोन का प्रयोग खेतों की लाइव निगरानी के लिए भी किया जा सकेगा. जिससे अमूल्य मानव श्रम का बचाव होगा.
फसल अनुमान के आंकड़ों में आएगी सटीकता
भारत गेहूं और चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जो दुनिया का प्रमुख खाद्य प्रधान है. तो वहीं भारत दुनिया के कई देशों को खाद्यान्न की आपूर्ति करता है. दुनिया के देशों को खाद्यान्न आपूर्ति की शुरुआत फसलों की बुवाई से ही शुरु हो जाती है. जिसके तहत बुवाई और उत्पादन के अनुमान के आधार पर खाद्यान्न के बाजार की तैयारियां की जाती है. अभी तक अनुमान के लिए जिस तकनीक प्रयोग होता है, उसके आधार पर मिलने वाले आंकड़ों में कई बार समस्याएं होती हैं. वहीं 5 जी नेटवर्क के आने से इन अनुमान में सटीकता आएगी. जिससे देश के खाद्यान्नों को सहींं समय पर बाजार मिल सकेगा और किसानों को बेहतर दाम मिल सकेंगे.
किसानों की बाजार तक आसानी से हाेगी पहुंच
कृषि व्यवसाय में लगे किसानों को तरक्की तब होती है, जब उनकी फसल को बेहतर दाम मिलता है. इसके लिए किसानों को अपनी फसलों को खेतों से मंडियों तक पहुंचाना पड़ता है. मसलन, मौजूदा समय में मंडी में विशेष व्यापारियों का एकाधिकार और उतार-चढ़ाव किसानों को प्रभावित करते हैं. इस वजह से किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने E-NAM पोर्टल शुरू किया हुआ है. लेकिन, कई किसानों के लिए यह डिजिटल बाजार अभी भी दूर की कोड़ी है. 5 जी नेटवर्क शुरू होने से किसान, बेहतर स्पीड के साथ अपने ही खेत से अपनी फसल बेच सकेंगे. तो वहीं E-NAM पोर्टल पर बेहतर स्पीड के साथ फसल की गुणवत्ता के आधार पर किसान अपनी फसल के दाम तय करवा सकेंगे.
मौसम की सटीक जानकारी समय पर मिल सकेगी
खेती मौसम आधारित व्यवसाय है. मसलन मौसम के पूर्वानुमान ही खेती का दशा-दिशा तय करते हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण मानसून है. जिसका सटीक पूर्वानुमान खरीफ सीजन की फसलों का उत्पादन तय करता है. 5 जी नेटवर्क से मौसम के पूर्वानुमान में भी सटीकता आने का अनुमान है. तो वहीं 5 जी नेटवर्क के माध्यम से किसानों को सही और सटीक समय पर किसानों को मौसम की जानकारी मिल सकेगी. जिससे मौसम से होने वाला उनका नुकसान कम हो जाएगा.
खेती की नई तकनीक का आसानी से मिल सकेगा प्रशिक्षण
5 जी नेटवर्क किसानों के लिए कई तरह से तरक्की के रास्ते खोलेगा. जिसमें किसानों की स्मार्ट बनने तक का सफर तय होगा. अभी तक किसानों को नई तकनीक और प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए धन, समय खर्च करना पड़ता है. तो वहीं किसानों को कई तरह की मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है. लेकिन, 5 जी नेटवर्क इन सब समस्याओं की चाबी है, जो किसानों को घर बैठे सरलता से तकनीक का ज्ञान और वर्चुअल प्रशिक्षण देने की रूपरेखा तय करने में सक्षम है.
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