हर साल ले रहे फीस
हाइस्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालय हजारों छात्र-छात्राओं से खेल के नाम फीस वसूली रहे है। लेकिन वर्षो से फीस वसूली के बदले खेल नहीं सिखाया जा रहा है। विभाग द्वारा कहा जा रहा कि विद्यालयों में खेल से संबंधित शिक्षक पदस्थ नहीं है। उनकी भर्ती के बाद छात्र-छात्राओं को खेल सिखाया जाएगा।
जिला क्रीडा अधिकारी ने बताया कि जिले में ५९ खेल शिक्षकों की जरुरत है। लेकिन अभी ८ खेल शिक्षक बचे हुए है। जिन २० शिक्षकों को खेल प्रशिक्षण दिया गया था। लेकिन उन्हे प्राइमरी स्कूलों में पदस्थ किया गया है। जिसके कारण वह खेल कक्षाओं में नहीं आ पा रहे है। इसके साथ ही शासन ने खेल अतिथि शिक्षकों के लिए तीन बार आदेश जारी किए गए। उसके बाद भी एक भी शिक्षकों क्री नियुक्ति नहीं हो पाई है।
इनका कहना
जिले के विद्यालयों में ४० से ४२ प्रकार के खेल कलेंडर में दर्ज है। सभी प्रकार के खेल खिलाना छात्रों को जरुरी है। लेकिन खेल शिक्षकों के पद खाली पड़े है। २० प्राइमरी शिक्षकों को खेल प्रशिक्षण भी दिया गया था। लेकिन शासन ने उन्हें खेल विभाग की जगह प्राइमरी स्कूलों में तैनात कर दिया है।
एसडी अहिरवार जिला क्रीडा अधिकारी शिक्षा विभाग।
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