Ranchi : झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा राजपथ में भाजपा का प्रदेश कार्यालय है. वहां भाजपा के नेता और राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने संवाददाताओं को संबोधित किया. इस दौरान उनकी दिल की इक्षा बाहर निकल गई. दुमका- बेरमो उपचुनाव के वक्त से ही वो कह रहे थे कि नतीजे आएंगे और सरकार बदल जाएगी. लेकिन महागठबंधन ने चुनाव जीता और सरकार मजबूत हुई. बाबूलाल ने कहा कि 2024 तक इंतजार नहीं कर सकते हैं. इससे पहले सरकार को उखाड़ फेंकना है. उनका यह गणित हमलोगों को समझ में नहीं आया. 25 भाजपा के विधायक हैं. एक खुद बाबूलाल मरांडी हैं. सरकार बनाने का आंकड़ा यहीं खत्म हो जाता है. मैं पूछता हूं सरकार कैसे बनेगी? बाबूलाल की दिल की बात है कि केंद्रीय एजेंसियों से डरा-धमका कर सरकार बना ले. जैसे महाराष्ट्र में भाजपा के लोगों ने किया. यही फॉर्मूला बाबूलाल कहना चाहते थे और यह झारखंड में दिख भी रहा है. बाबूलाल को दिसंबर 2024 के बाद फिर से समझ में आ जाएगा, जब प्रचंड जनादेश के साथ हेमंत सोरेन दुबारा झारखंड की सत्ता में काबिज होंगे. बाबूलाल खुद राजधनवार सीट हार जाएंगे. उक्त बातें सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही.
हर रोज झारखंड में हो रहा है नया ड्रामा
एक नवंबर को हेमंत सोरेन के वकील वैभव तोमर ने चुनाव आयोग को लिखित दिया है. राज्यपाल रायपुर में एटम बम की बात करते हैं और दूसरे ओपिनियन की बात करते हैं. इसमें सच्चाई क्या है. पहले ओपिनियन हमलोगों को मिलना चाहिए. हम लोगों ने मांगा है, लेकिन चार दिन के बाद भी जवाब नहीं मिला है. ये लोग सिर्फ हर रोज नया ड्रामा कर रहे हैं.
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जनता से पूछ कर बन रही योजना से भाजपा परेशान
सुप्रियो ने कहा कि सरकार गांव-टोले तक जा रही है. लोगों से पूछ कर योजनाएं बनाई जा रही है. यही भाजपा के लोगों को अच्छा नहीं लग रहा है. हमें जांच से डर नहीं है. बल्कि एक प्रक्रिया होनी चाहिए. पीएम के कार्यक्रम के लिए गुजरात का चुनाव रुक सकता है. लेकिन एक मुख्यमंत्री का कार्यक्रम भाजपा के लोगों को हजम नहीं हो रहा है. राज्य में एन केन प्रकारेण सरकार बनाने के लिए भाजपा के लोग काम कर रहे हैं. बाबूलाल मरांडी की बातों से उनकी मंशा स्पष्ट हो गई है. लोकतंत्र में लज्जा त्याग दिया, लेकिन आंकड़े कहां से लाएंगे. 1932 के सवाल पर बाबूलाल और भाजपा के लोग डर रहे हैं.
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आजसू सुप्रीमो पर साधा निशाना
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर राज्यपाल के पास गए. खुद जब सरकार में शामिल थे तो 27 प्रतिशत को 14 प्रतिशत करने का काम किया था, उस वक्त बाबूलाल मरांडी सीएम थे.
साजिश रचने वालों को जवाब देगी झारखंडी जनता
भाजपा के सामंतवादी नीतियों के खिलाफ 24 जिले में आंदोलन का आगाज होगा. कांग्रेस, राजद के नेता और कार्यकर्ता सड़क पर आ गए हैं. अब टोले-मुहल्ले में जाने की बारी है. जरूरत पड़ने पर रेल की पटरी, राष्ट्रीय राजमार्ग और हवाई अड्डे पर भी बैठेंगे. साजिश रचने वालों को झारखंडी जनता जवाब देगी.
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