नई दिल्ली, एजेंसी। नदियों के बिना किसी भी सभ्यता का विस्तार नहीं हो सकता। मां गंगा भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं। वह देश को एक सूत्र में बांधने का काम करती हैं। ये बातें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहीं। वह शनिवार को गंगा उत्सव 2022 को संबोधित कर रहे थे।
गंगा के बिना भारतीय सभ्यता की कल्पना नहीं की जा सकती
इस दौरान उन्होंने कहा कि गंगा के बिना भारतीय सभ्यता की कल्पना ही नहीं की जा सकती। देश में विभिन्न भाषाएं, धर्म और संस्कृति होने के बाद भी कुछ ऐसी चीजें हैं जो हमें बांधे रखती हैं, एकजुट रखती हैं। उनमें से गंगा एक हैं। मंत्रालय के बयान के अनुसार, शेखावत ने कहा कि मोक्षदायिनी मां गंगा केवल नदी ही नहीं हैं, बल्कि सदियों से भारत में धर्म, दर्शन, संस्कृति, सभ्यता का प्रवाह हैं।
पीएम मोदी के संबोधन का किया उल्लेख
शेखावत ने आगे कहा गंगा के निर्मल प्रवाह ने भारत भूमि पर हर आयाम को जोड़कर रखा है। वह न केवन हमें जल देती हैं, बल्कि पोषण एवं रोजगार का अवसर भी देती हैं। उन्होंने 2014 में अमेरिका के मैडिसन स्क्वायर गार्डन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के अपने सपने के बारे में बताया था। पीएम ने वहां भारतीय समुदाय को संबोधित किया था।
गंगा नदी अविरल और निर्मल बन गई हैं- शेखावत
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी के प्रयासों से गंगा नदी अविरल और निर्मल बन गई हैं। दृढ़ इच्छा शक्ति से असंभव कार्य भी संभव हो जाता है। उन्होंने इस अभियान में योगदान देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया। कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने गंगा को लेकर बहुत सारी बातें कही हैं। उनके बातें हमें निरंतर गंगा को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित करती हैं।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी बोले
इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि देशभर में नदियों के कायाकल्प में जनभागीदारी बहुत आवश्यक है। लोगों और नदियों के बीच संबंध इतना मजबूत है कि भारत में नदियों को माता के रूप में पूजा जाता है।
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Edited By: Mohd Faisal
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