जागरण संवाददाता, पूर्णिया। Twitter की नयी पालिसी के विरोध के कारण चर्चा में आए ला ट्रोब यूनिवर्सिटी, आस्ट्रेलिया के हिंदी के प्रोफेसर सह अमेरिकी नागरिक इयान वुलफोर्ड का भारत से काफी पुराना नाता है। वे वर्ष 2005 में बिहार आए थे। कथा शिल्पी फणिश्वरनाथ रेणु के जीवन से भी वे काफी प्रभावित हुए थे। इस कारण यहां वे कई वर्षों तक रहे।
कथाशिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु की माटी से गहरा नाता रहा है। लगभग डेढ़ दशक से उनका पूर्णिया अंचल में आना-जाना रहा है। इस अंचल में हर स्तर पर हुए बदलाव के ही वे साक्षी रहे और बदलाव की इस कहानी को वे लगातार अपनी लेखनी के जरिए प्रसारित करने का प्रयास भी करते रहे हैं।
कथाशिल्पी रेणु की जादुई रचनाओं के चलते सर्वप्रथम सन 2005 में उनका पदार्पण इस इलाके में हुआ था। तब से हाल के वर्षों तक कई बार उनका आगमन यहां हो चुका है। रेणु पर शोध के सिलसिले में पूर्णिया अंचल की यात्रा के क्रम में पूर्णिया के एक गांव में भी उनका काफी दिनों तक प्रवास रहा था। इनता नहीं रेणु के पैतृक गांव अररिया जिले के औराही हिंगना में भी वे लंबे समय तक रहे थे।
आज भी रेणु के स्वजनों के साथ इलाके के कई साहित्यकारों व बुद्धिजीवियों से उनका नाता बना हुआ है और वे ऐसे लोगों के संपर्क में भी रहते हैं। यहां की ग्राम्य संस्कृति, जीवन शैली, भौगोलिक स्थिति, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक व धार्मिक समृद्धि भी उन्हें आकर्षित करता रहा है। रेणु के साथ-साथ इस अंचल से संबंधित उनके कई शोध व आलेख को विश्व फलक पर भी सराहना मिली है।
Edited By: Dilip Kumar shukla
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