ब्यावरएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक
जैन धर्म में चातुर्मास की खासी महता है। चातुर्मास काल पूरे होते ही वर्षावास कर रहे संत सती वर्ग का नगर से विहार हो जाएगा। संत नवीनप्रज्ञ मुनि व महासती वसुमति का विहार बुधवार को होगा। इस संबंध में समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई।
वर्षावास में बही धर्म की जोरदार बयार
श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्ग शांत क्रांति जैन युवा संघ के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री प्रकाश जैन ने बताया कि नानेश पट्टधर जैनाचार्य प्रवर विजयराज जी म सा संघ के 13 संत सतीयों के तीन चातुर्मास प्रदान किए थे। इन तीनों चातुर्मास के चार माह के दौरान नगर में धर्म ध्यान की जबरदस्त बयार बही वर्षावास के दौरान बच्चों व युवाओं का धर्म के प्रति रुझान बढ़ा।
संत नवीनप्रज्ञ साकेत नगर व महासती वसुमति जाएंगे पन्ना कॉलोनी
संघ अध्यक्ष सम्पतराज ढेडिया ने बताया कि संत नवीनप्रज्ञ मुनि अपने साथी संतों सहित नवकार भवन से विहार कर साकेत नगर सुश्रावक विजयराज शारदा छलानी के आवास पर व वरिष्ठ महासती वसुमतिश्री अपनी सहयोगी महासतीयां के साथ विहार कर पन्ना कॉलोनी स्थित पन्नालाल सुरेन्द्र कुमार लोढ़ा के आवास पर जाएंगे।
उधर संघ के संघनायक आचार्य प्रवर का भी आज रविवार को बीकानेर से विहार होगा। आचार्य प्रवर का नव वर्ष पर एक जनवरी को निकटवर्ती पीपलियाकलां मे महामांगलिक होगा। वहां से नानेश पट्टधर आचार्य विजयराज म.सा.चार मुमुक्षुओ को जैन भगवती दीक्षा देने बिजयनगर जाएंगे। इस दौरान उनका ब्यावर में भी अल्प प्रवास संभव है।
संघ के राष्टीय संरक्षक राजेन्द्र कर्नावट व पारसमल जैन ने धर्म प्राण जनता से संत व सती मंडल के विहार में शामिल होकर धर्म लाभ लेने का अनुरोध किया है।
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post