Publish Date: | Sun, 06 Nov 2022 03:00 PM (IST)
बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। कानन पेंडारी जू की 19 नील गायों को कोरिया के गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में छोड़ने का काम जल्द शुरू होगा। दरअसल इन्हें बेहोश करने की जो दवा दी जा रही थी, वह बेअसर साबित हो रही थी। इसीलिए जू प्रबंधन के द्वारा बैंगलुरू से दवा की डोज मंगाई गई थी, जो शनिवार को कानन पहुंच गई। अब इन्हें शिफ्टिंग का काम प्रारंभ कर दिया जाएगा।
कानन पेंडरी जू में 33 से ज्यादा नील गाय है। जबकि प्राविधान लगभग 10 से 12 ही नील गाय रखने का है। जू प्रबंधन ने इनकी शिफ्टिंग की योजना बनाकर केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमति ली। अनुमति मिलने के बाद करीब 20 दिन पहले गायों को बेहाश कर शिफ्टिंग की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। इस दौरान केवल दो नील गाय ही शिफ्ट हुए। इसके बाद टाइगर रिजर्व छोड़ने की योजना अटक गई। हालांकि शिफ्टिंग बंद नहीं हुई है। यह जारी रहेगी। इसीलिए जू प्रबंधन द्वारा बैंगलुरू से एनेस्थिसिया मंगाई थी। इसके बाद नील गायों पर दवा कितना असर करेगी, यह आजमाना शुरू कर दिया गया।
जू प्रबंधन को यकीन है की यह दवा कारगर साबित होगी और जू प्रबंधन ने योजना के मुताबिक नीला गायों की शिफ्टिंग कर सकता है। मालूम हो कि नील गाय के साथ- साथ 65 चीतलों को भी अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ने की योजना है। इसके लिए बोमा तकनीकी अपनाई जा रही है। इस तकनीक को तैयार करने का प्रारंभ कर दिया गया। जू प्रबंधन यह प्रयास कर रहा है की छोटी नील गाय को इसी तकनीकी से शिफ्टिंग की जाए। बोमा तैयार होने के बाद प्रबंधन यही करेगा। इसके अलावा बड़ी गायों को बेहोश करके परिवहन वाहन में छोड़ा जाएगा।
सुरक्षा जरुरी, इसलिए बरती जा रही सावधानी
कानन पेंडारी जू प्रबंधन वन्य प्राणियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रहा है। यही वजह है की हड़बड़ी शिफ्टिंग कर किसी तरह जोखिम नहीं उठाना चाह रहा है। जू प्रबंधन का कहना है की भले ही इस काम कुछ समय लगेगा, पर वन्य प्राणी सुरक्षित जंगल में छोड़े जा सकेंगे।
Posted By: Yogeshwar Sharma
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