जे.के.गार्डन: शहर के कलेक्ट्रेट परिसर में भी ओपन जिम के पुराने उपकरणों की जगह नए उपकरण लगाए गए हैं। यहां भी इसमें से कुछ उपकरण गायब हो गए हैं। इसके साथ ही पैरों की एक्साइज के लिए लगए गए उपकरण इतनी ऊंचाई पर लगा दिए गए हैं, कि बुजुर्ग आदमी तो वहां तक पहुंच नहीं सकता है। कमर की करसत के लिए लगाया गया ट्विस्टर बिल्कुल अधर लगाया गया है। उसके चारों ओर लगे गोल चकरे के नीचे पत्थर आदि लगा रखे हैं। हालांकि यहां पर बच्चों के लिए लगाए झूले चकरी शानदार है, लेकिन ओपन जिम के उपकरणों की स्थिति खराब हो गई है।
नौ-चौकी पाल: नौ-चौकी पाल पर ओपन जिम के उपकरण लगे हुए हैं। यहां पर देखने पर प्रतीत होता है कि पुराने उपकरणों को ही दुरुस्त किया गया है। अधिकांश उपकरण इतने ऊंचाई पर लगाए गए है कि वहां तक उम्र दराज व्यक्ति को बैठने में परेशानी होती है। ट्विस्टर के नीचे पत्थर लगाए गए हैं। यहां पर भी प्रतिदिन सैकडों लोगों की आवाजाही होती है। उपकरणों में पैकिंग के लिए लगाए जाने वाले रबड़ गायब है। इसके कारण व्यायाम करते समय उपकरण सीधे खम्भे से टकराते है, जबकि उन पर रबड़ लगाए जाने चाहिए। इसी प्रकार कई तकनिकी खामियां साफ दिखाई दे रही है।
यह भी होना चाहिए
– ओपन जिम की मशीनों पर उनके नाम लिखे होने चाहिए। गार्डन में एक जगह उपकरणों की पूरी जानकारी लिखी होनी चाहिए। इसमें किस मशीन पर व्यायाम करने से क्या फायदा होता है इसकी जानकारी होनी चाहिए।
– ओपन जिम के सभी उपकरणों की तकनीकी जांच होनी चाहिए कि वह तकनीकी रूप से सही है या नहीं। मैजरमेंट गलत होने से भी इस पर व्यायाम करने वालों को नुकसान पहुंच सकता है।
– प्रत्येक गार्डन में उपकरणों की लागत और फर्म आदि के नम्बर लिखे होने चाहिए। साथ ही उपकरण खराब होने पर किस अधिकारी के फोन नम्बर अंकित होना चाहिए।
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