लखनऊ2 घंटे पहले
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किसान आंदोलन फिर से तेज करने की तैयारी शुरू हो गई।
किसान आंदोलन फिर से तेज होने वाला है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 नवंबर को सभी राज्यों में राजभवन का घेराव किया जाएगा। पिछले दिनों हुई ऑन लाइन बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के प्रमुख यूनियन नेताओं ने राजभवन मार्च की तैयारियों पर चर्चा की।
डॉक्टर दर्शन पाल ने कहा कि पिछले साल 11 नवंबर को सरकार के वायदे पर स्थगित किए आंदोलन को अब दोगुनी शक्ति के साथ आगे बढ़ाने की जरूरत है। दिल्ली मोर्च की उस ऐतिहासिक याद को एकसाल बाद किसान देश भर की राजधानियों में फिर ताजा करेगा। उनका कहना था कि एकबार फिर पूरी दुनिया देश के किसानों की एकजुटता और ताकत देखेगी। 14 नवंबर को एसकेएम की राज्य बैठक में आंदोलन के आगे का रास्ता और मोर्चा के सांगठनिक स्वरूप पर महत्वपूर्ण निर्णय के लिए देश भर के किसान संगठनों के नेता जुटेंगें। उन्होंने केन्द्र सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ और बाकी मांगों पर देश भर के संघर्षशील किसान संगठनों के साझा आंदोलनों के साथ यूनियन की एकजुटता का आह्वान भी किया।
11नवंबर को लखनऊ में होगी बैठक
राज्यवार तैयारियों का ब्यौरा देते हुए यूपी में तैयारियों का ब्यौरा देते हुए बताया गया कि 11 नवंबर को लखनऊ में सभी किसान संगठनों साझा बैठक करेंगें। जिसमें राज्यस्तरीय मांगपत्र को अंतिम रूप दिया जाएगा। यूपी के अलावा सभी राज्यों में यूनियन नेता एसकेएम के अन्य संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन की रणनीति बनाने में जुटे हैं।
बैठक में पंजाब से गुरमीत सिंह महमा, अवतार सिंह महमा, उत्तर प्रदेश से शशिकान्त, डा. हरी सिंह यादव, गजेन्द्र चौधरी, देवेन्द्र कुमार राना, जयवीर सिंह, संतोष परिवर्तक, अनिल प्रधान, प्रदीप यादव, अजय कुमार, कमलेश यादव, गोकुल करन, हरियाणा से सतीश आजाद, अमोल, जय भगवान, कर्नेल सिंह और राजस्थान से पोकर सिंह झाझडिया, रामबिलास, प्रह्लाद कुलहरी शामिल रहे।
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