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चंडीगढ़। पंजाब में कांग्रेस के शासन के दौरान वन विभाग में करोड़ों के घोटाले को लेकर भगवंत मान सरकार ने पंजाब विजिलेंस ब्यूरो को पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, आईएफएस अधिकारी विशाल चौहान और डीएफओ गुरमनप्रीत सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। विजिलेंस ब्यूरो ने इस मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी लेकिन विभागीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के कारण इसमें देरी हो रही थी। तब मुख्यमंत्री ने इस मामले में अंतिम फैसले के लिए उच्चाधिकारियों को सौंप दिया था।
ब्यूरो के मुख्य निदेशक वरिंदर कुमार द्वारा सरकार को पत्र भेजकर उक्त पूर्व मंत्री और अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी गई थी। राज्य सरकार की ओर से अब ब्यूरो को मुकदमा चलाने की मंजूरी का पत्र मिल गया है। वन विभाग में पेड़ों की कटाई, विभागीय अधिकारियों के तबादले, एनओसी की मंजूरी को लेकर वन विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की जांच के बाद, विजिलेंस ब्यूरो ने मोहाली के डीएफओ गुरमनप्रीत सिंह और ठेकेदार हरमोहिंदर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम के तहत गत 2 जून को एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले की विस्तृत जांच के बाद, विजिलेंस ब्यूरो ने इस घोटाले में पूर्व मंत्री की भूमिका भी सामने आने के बाद 7 जून को साधु सिंह धर्मसोत का नाम भी केस में शामिल करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
अधिकारी फंसा रहे थे पेंच
विजिलेंस इस मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति चाह रही थी लेकिन कुछ अफसर पेंच फंसा रहे थे। इस मामले को तकनीकी पहलुओं में उलझाने की कोशिश की जा रही थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लिया और वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई। आज इस मामले में विजिलेंस को मुकदमा चलाने की अनुमति मिल गई है।
अदालत में नहीं आएगी तकनीकी बाधा
मालूम हो कि इस मामले में विजिलेंस एफआईआर दर्ज कर चुकी थी और धर्मसोत को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। इस मामले में अदालत में चालान भी पेश हो चुका है, लेकिन केस चलाने की अनुमति के बिना अदालत इस मामले में फैसला नहीं दे सकती थी। अब अनुमति मिलने के बाद केस की पैरवी अदालत में बिना किसी तकनीकी बाधा के हो सकती है।
चंडीगढ़। पंजाब में कांग्रेस के शासन के दौरान वन विभाग में करोड़ों के घोटाले को लेकर भगवंत मान सरकार ने पंजाब विजिलेंस ब्यूरो को पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, आईएफएस अधिकारी विशाल चौहान और डीएफओ गुरमनप्रीत सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। विजिलेंस ब्यूरो ने इस मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी लेकिन विभागीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के कारण इसमें देरी हो रही थी। तब मुख्यमंत्री ने इस मामले में अंतिम फैसले के लिए उच्चाधिकारियों को सौंप दिया था।
ब्यूरो के मुख्य निदेशक वरिंदर कुमार द्वारा सरकार को पत्र भेजकर उक्त पूर्व मंत्री और अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी गई थी। राज्य सरकार की ओर से अब ब्यूरो को मुकदमा चलाने की मंजूरी का पत्र मिल गया है। वन विभाग में पेड़ों की कटाई, विभागीय अधिकारियों के तबादले, एनओसी की मंजूरी को लेकर वन विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की जांच के बाद, विजिलेंस ब्यूरो ने मोहाली के डीएफओ गुरमनप्रीत सिंह और ठेकेदार हरमोहिंदर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम के तहत गत 2 जून को एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले की विस्तृत जांच के बाद, विजिलेंस ब्यूरो ने इस घोटाले में पूर्व मंत्री की भूमिका भी सामने आने के बाद 7 जून को साधु सिंह धर्मसोत का नाम भी केस में शामिल करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
अधिकारी फंसा रहे थे पेंच
विजिलेंस इस मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति चाह रही थी लेकिन कुछ अफसर पेंच फंसा रहे थे। इस मामले को तकनीकी पहलुओं में उलझाने की कोशिश की जा रही थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लिया और वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई। आज इस मामले में विजिलेंस को मुकदमा चलाने की अनुमति मिल गई है।
अदालत में नहीं आएगी तकनीकी बाधा
मालूम हो कि इस मामले में विजिलेंस एफआईआर दर्ज कर चुकी थी और धर्मसोत को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। इस मामले में अदालत में चालान भी पेश हो चुका है, लेकिन केस चलाने की अनुमति के बिना अदालत इस मामले में फैसला नहीं दे सकती थी। अब अनुमति मिलने के बाद केस की पैरवी अदालत में बिना किसी तकनीकी बाधा के हो सकती है।
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