Ranchi : झारखंड ऊर्जा विकास निगम मे आये दिन अनियमितता की खबर आते है. अब निगम में पोस्ट मैपिंग और नयी बहाली के नाम पर अनियमितता की जा रही है. निगम ने तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के लिए दो सितंबर को आदेश जारी किया था. जिसके मुताबिक सभी तकनीकी कर्मचारी बटन पट चालक, कनिय सारणी पुरुष, फिटर को जिनकी नियुक्ति तृतीय श्रेणी में हुई थी. उन्हें चतुर्थ श्रेणी में कर दिया गया है. निगम ने इसे न्यू डेजिगनेशन मैपिंग (New Designation Mapping) का नाम देते हुए आदेश दिया. लेकिन इसी मैपिंग के तहत अन्य कर्मचारियों को प्रमोशन दिया जा रहा है. वहीं 2018 के आदेश के अनुसार अधीक्षण अभियंता को डिप्टी जनरल मैनेजर, कार्यपालक अभियंता को सीनियर मैनेजर, सहायक अभियंता को मैनेजर, जूनियर इंजीनियर को जूनियर मैनेजर और बटन पट चालक, कनिय सारणी पुरुष और सभी तकनीकी कर्मचारी को टेक्निकल असिस्टेंट का नामकरण किया गया है. अधिसूचना प्रकाशित होने के उपरांत शीर्ष पद के सभी पदाधिकारियों का नाम परिवर्तित कर उन्हें नए पदों पर प्रमोशन भी दिया जा रहा है. लेकिन तृतीय वर्गीय कर्मचारियों को चतुर्थ वर्ग में बदलने के बाद सभी एरिया बोर्ड के कर्मचारियों ने भरपूर विरोध किया और अब आंदोलन के लिए सभी कर्मचारी एकजुट हो रहे है.
विखंडन के बाद बदला नियम
झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड के विखंडन के बाद झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड बनाया गया. इसके तीन अनुषंगी कंपनी झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड, झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड तथा झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड का निर्माण किया गया. निगम के गठन के बाद पूर्व के सभी पदों को निगम बनने के बाद पुराने पदों के जगह नए पदों का सृजन किया गया. जिसकी अधिसूचना झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के 2018 मे जारी की गई. इस अधिसूचना के बाद से तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों मे असंतोष था. प्रमोशन के लिए जब इन कर्मचारी आंदोलन की धमकी दी तो प्रबंधन की ओर से जल्दबाजी में एक अधिसूचना जारी किया गया. जिसके बाद में कर्मचारियों मे आक्रोश है.
मजदूर विरोधी तत्व शामिल
झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन के महामंत्री वरुण कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक महोदय ने सभी पदाधिकारी और कर्मचारियों के हित को देखते हुए सभी संवर्ग का ख्याल करते हुए ही New Designation Mapping किया गया था. लेकिन ऊर्जा विकास निगम के कार्मिक सेल में बैठे कुछ मजदूर विरोधी तत्व जो कि हमेशा मजदूर विरोधी कार्य करने में संलिप्त रहते हैं वह New Designation Mapping में छेड़छाड़ करने का प्रयास कर रहे हैं. जो कर्मचारी हित में नहीं है.
संघ के अध्यक्ष आशीष कुमार ने प्रबंधन से मांग की है कि निगम के द्वारा निकाला गया आदेश जो सितंबर 2022 मे निकाला गया, मजदूर विरोधी काला कानून है. उसे अविलंब रद्ध कर जल्द से जल्द New Designation Mapping के तहत कर्मचारियों को प्रोन्नति दी जाये. अन्यथा संघ आंदोलन और भूख हड़ताल के लिए बाध्य होगी. हालांकि दस नवंबर को मामले को लेकर बैठक रखी गई है. इसमें राज्य के सभी एरियाबोर्ड से संघ के पदाधिकारी भाग लेंगे.
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