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संभल। पवांसा ब्लॉक की ग्राम पंचायत निबौरा में मनरेगा के कार्यों में घपलेबाजी सामने आई है। रोजगार सेवक और मनरेगा के तकनीकी सहायक ने अपने चहेते मजदूरों के खातों में फर्जी तरीके से कम कार्य के बदले अधिक कार्य दिखाकर धनराशि भेज दी। ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की टीम ने जांच कर रिपोर्ट बीडीओ को सौंप दी है।
ग्रामीणों ने 27 जुलाई को बीडीओ से शिकायत की थी कि मनरेगा के कार्यों में धांधली की जा रही है। जांच अधिकारी एडीओ कॉपरेटिव अनिल कुमार ने जांच रिपोर्ट में बताया है कि झब्बालाल के खेत से रुदायन वाली सड़क तक कच्चे मार्ग और रनवीर के खेत से देवेंद्र के खेत तक मिट्टी का कार्य में रोजगार सेवक के द्वारा मनरेगा के मजदूरों के द्वारा किए गए कार्य के बाद हस्ताक्षर और अंगूठे का निशान नहीं लगाया गया। रोजगार सेवक खुद ही हस्ताक्षर और अंगूठा का निशान लगाकर जसवीर, कैलाश, भजनलाल और महेंद्र के खाते में 14 दिन की धनराशि भेज रहे हैं।
रामा देवी के खाते में भी 14-14 दिन की दो बार धनराशि भेजी गई है। रोजगार सेवक शकील अहमद के द्वारा मनरेगा के मजदूरों से तीन गुना कार्य कराया जाता है, जबकि मजदूरों को इसकी कोई जानकारी नहीं है। बिना काम किए अधिक कार्य का पैसा फर्जी तरीके से अपने ही लोगों के खाते में डाल कर सांठगांठ कर ली जाती है। कई मनरेगा मजदूर ऐसे भी हैं, जो घर बैठे ही खाते में धनराशि पा लेते हैं। रोजगार सेवक और तकनीकी सहायक ने 800 मीटर की सड़क में दो स्टीमेट बना दिए हैं। यह नियमों के विरुद्ध कार्य किया गया है। मनरेगा सहायक तकनीकी गौरव कुमार भी इस मामले में दोषी पाए गए हैं।
वर्जन
निबौरा में रोजगार सेवक के द्वारा कार्य को लेकर हुई शिकायत की जांच एडीओ कॉपरेटिव से कराई गई है। एक ही रास्ते के दो एस्टीमेट बने हैं, जो तकनीकी कारणों से हो गया है। धनराशि दो बार नहीं निकाली गई है। रोजगार सेवक और तकनीकी सहायक के खिलाफ जांच के आधार पर सोमवार को कार्रवाई की जाएगी। रिजवान हुसैन, खंड विकास अधिकारी, पवांसा।
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संभल। पवांसा ब्लॉक की ग्राम पंचायत निबौरा में मनरेगा के कार्यों में घपलेबाजी सामने आई है। रोजगार सेवक और मनरेगा के तकनीकी सहायक ने अपने चहेते मजदूरों के खातों में फर्जी तरीके से कम कार्य के बदले अधिक कार्य दिखाकर धनराशि भेज दी। ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की टीम ने जांच कर रिपोर्ट बीडीओ को सौंप दी है।
ग्रामीणों ने 27 जुलाई को बीडीओ से शिकायत की थी कि मनरेगा के कार्यों में धांधली की जा रही है। जांच अधिकारी एडीओ कॉपरेटिव अनिल कुमार ने जांच रिपोर्ट में बताया है कि झब्बालाल के खेत से रुदायन वाली सड़क तक कच्चे मार्ग और रनवीर के खेत से देवेंद्र के खेत तक मिट्टी का कार्य में रोजगार सेवक के द्वारा मनरेगा के मजदूरों के द्वारा किए गए कार्य के बाद हस्ताक्षर और अंगूठे का निशान नहीं लगाया गया। रोजगार सेवक खुद ही हस्ताक्षर और अंगूठा का निशान लगाकर जसवीर, कैलाश, भजनलाल और महेंद्र के खाते में 14 दिन की धनराशि भेज रहे हैं।
रामा देवी के खाते में भी 14-14 दिन की दो बार धनराशि भेजी गई है। रोजगार सेवक शकील अहमद के द्वारा मनरेगा के मजदूरों से तीन गुना कार्य कराया जाता है, जबकि मजदूरों को इसकी कोई जानकारी नहीं है। बिना काम किए अधिक कार्य का पैसा फर्जी तरीके से अपने ही लोगों के खाते में डाल कर सांठगांठ कर ली जाती है। कई मनरेगा मजदूर ऐसे भी हैं, जो घर बैठे ही खाते में धनराशि पा लेते हैं। रोजगार सेवक और तकनीकी सहायक ने 800 मीटर की सड़क में दो स्टीमेट बना दिए हैं। यह नियमों के विरुद्ध कार्य किया गया है। मनरेगा सहायक तकनीकी गौरव कुमार भी इस मामले में दोषी पाए गए हैं।
वर्जन
निबौरा में रोजगार सेवक के द्वारा कार्य को लेकर हुई शिकायत की जांच एडीओ कॉपरेटिव से कराई गई है। एक ही रास्ते के दो एस्टीमेट बने हैं, जो तकनीकी कारणों से हो गया है। धनराशि दो बार नहीं निकाली गई है। रोजगार सेवक और तकनीकी सहायक के खिलाफ जांच के आधार पर सोमवार को कार्रवाई की जाएगी। रिजवान हुसैन, खंड विकास अधिकारी, पवांसा।
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