जोधपुर4 घंटे पहले
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राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस अरुण भंसाली ने खेल कोटे से पुलिस भर्ती के मामले में पुलिस महानिदेशक की ओर से जारी स्टैंडिंग आदेश को जारी करने का औचित्य बताने के साथ जवाब पेश करने के लिए कहा। श्रीगंगानगर के गौरव की ओर से अधिवक्ता सुरेन्द्र थानवी ने याचिका पेश कर बताया कि पुलिस विभाग में खेल कोटे से भर्ती के मामले में याचिकाकर्ता की उम्मीदवारी को गत 31 अगस्त को एक आदेश जारी कर रद्द कर दिया।
इसकी वजह के रूप में बताया कि पुलिस महानिदेशक जयपुर ने गत 12 सितंबर को एक स्टैंडिंग आदेश पारित करते हुए कहा कि खेल कोटे से भर्ती के मामले में खेल प्रमाण पत्र पांच वर्ष से पुराना नहीं होना चाहिए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि सेवा नियम में कहीं उल्लेख नहीं किया गया है।
उम्मीदवारी रद्द करना अनुचित है। कोर्ट ने एएजी मनीष व्यास को डीजीपी के आदेश के औचित्य के बारे में पूछा और कहा कि यह किस अधिकार से जारी हुआ, उसका भी जवाब पेश करें। तब तक उम्मीदवारी निरस्त करने के आदेश पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता को भर्ती में शामिल करने के निर्देश के साथ उसके परिणाम को याचिका के निर्णायाधीन रखा गया।
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