Publish Date: | Thu, 10 Nov 2022 12:21 AM (IST)
बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। अंतरराष्ट्रीय मानक वाला क्रिकेट मैदान बनाने का सपना दिखाकर रेलवे के कुछ अधिकारियों ने सेकरसा मैदान को बर्बाद कर दिया। 24 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी खेल शुरू नहीं हो सका है। उल्टा मैदान अब बदहाल हो चुका है। गाजर घास सहित झाड़ उग गए हैं। मैदान तैयार करने के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल का सबसे प्रमुख सेकरसा क्रिकेट मैदान दो साल से बंद है। अंतरराष्ट्रीय मानक वाला मैदान बनाने की योजना थी। लेकिन अधिकारियों के ध्यान नहीं देने से अब यह सिर्फ सपना बनकर रह गया है। इसके कारण ना तो इस मैदन का उपयोग खिलाड़ी कर पा रहे हैं और ना ही आम जनता। स्थिति यह है कि सुबह उठकर टहलने वाले बुजुर्ग और महिलाएं भी लौट जाते हैं। रेलवे ने दावा किया था कि यह अंतरराष्ट्रीय मानक वाला क्रिकेट स्टेडियम बनेगा, लेकिन अब स्थिति खाली पड़े खेत जैसी है। इसे देखकर कोई भी खुश नहीं हो सकता। मैदान को संवारने के नाम पर जबरदस्त बंदरबांट हुईा है। इसका जवाब देने अधिकारी तैयार नहीं है।
जून में होना था काम पूरा
एक रेल कर्मचारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि जब अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं तो हम क्यों ध्यान दें। ठिकरा हमारे ऊपर फूटेगा। रेलवे का क्रिकेट मैदान सेकरसा बेहतरीन सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से रेनोवेशन की प्रक्रिया से गुजर रहा है। बीते जून महीने तक इस मैदान में आवश्यक मरम्मत पूरी होनी थी, जो अभी तक नहीं हो सका है।
ये हैं पांच प्रमुख समस्याएं
– समतलीकरण और घास उगाने का काम नहीं हुआ।
– हाइड्रोलिक पाप अप स्प्रिंकलर लगाना अभी बाकी।
– मैदान को ग्रीन बनाने नई मिट्टी से पटाना अधूरा।
– जिम का एक्सटेंशन कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है।
– प्रैक्टिस पीच, सीमेंट टर्फ, बोलिंग मशीन नहीं लग सके हैं।
90 मीटर साइज का उपयुक्त मैदान
यह ग्राउंड अंतरराष्ट्रीय मानक की सटीक साइज का है। मैदान सभी ओर से 90 मीटर का है। यही कारण था कि रेलवे ने अंतरराष्ट्रीय मानक के रूप में मैदान को संवारने सपना दिखाकर मैदान को बंद कर दिया है। लोगों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। खेल प्रेमियों सहित खिलाड़ियों और आम जनता में रेलवे के अधिकारियों के प्रति आक्रोश पनप रहा है। धीमी कार्यगति को लेकर काफी नाराजगी है।
जीएम व डीआरएम हैं जिम्मेदार
रेलवे क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य या गतिविधियों को लेकर सीधे तौर पर जीएम और डीआरएम जिम्मेदार होते हैं। सेकरसा मैदान को लेकर भी यही दोनों प्रमुख जिम्मेदार हैं। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी भी इस पर मामले पर चुप्पी साध गए। खेल मैदान की देखरेख करने वाले स्टाफ भी घबरा गया। दोटूक कहा कि इस मैदान का नाम खराब करने साजिश चल रही है। अधिकारी अब रुचि नहीं ले रहे हैं।
क्या कहता है रेलवे प्रबंधन
एक माह के भीतर सभी अधूरे कार्य पूरे होंगे। वर्षा के कारण काम में विलंब हुआ है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार ही काम चल रहा है। किसी तरह की समस्या नहीं है। कुछ कमियां जरूर हैं, जिन्हें जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
तन्मय माहेश्वरी, खेल अधिकारी, दपूमरे बिलासपुर
Posted By: Abrak Akrosh
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post