कठुआ, जागरण संवाददाता : सीबीआइ ने बैंक ऋण घोटाले में कठुआ की भारत पेपर मिल के दो पूर्व निदेशकों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी 87.88 करोड़ के ऋण घोटाले में पहले से चल रही जांच के सिलसिले में हुई है। सीबीआइ के प्रवक्ता के अनुसार लुधियाना की स्टेट बैंक की शाखा की शिकायत पर वर्ष 2020 में भारत पेपर्स मिल और उसके प्रबंध निदेशक, निदेशकों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसी संदर्भ में कंपनी के तत्कालीन निदेशक अनिल कुमार और प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया गया है।
यहां बता दें कि भारत पेपर मिल कठुआ के लंगेट में 400 कनाल (लगभग 50 एकड़) भूमि में लगाई गई थी। करीब 16 साल से यह इकाई पूरी तरह बंद है और वहां केवल कुछ निशान ही बचा है। हालांकि बैंक ने काफी साल पहले कंपनी के डिफाल्ट होने पर भूमि को अपने कब्जे में ले लिया है। वर्ष 2006 में कंपनी ने लगभग 200 करोड़ का निवेश पहले चरण में पेपर मिल में किया था और दूसरे चरण में 200 और करोड़ निवेश करने का दावा किया था लेकिन दो साल के भीतर ही कंपनी ने कठुआ स्थित इकाई को बंद कर दिया। इसी इकाई के लिए लुधियाना में स्टेट बैंक की शाखा से ऋण लिया गया था। कंपनी की एक इकाई सांबा के औद्योगिक क्षेत्र में भी है।
बैंक ने आरोप लगाया गया था कि एसबीआइ के अज्ञात अधिकारियों के साथ साजिश कर बैंक के साथ धोखाधड़ी की थी और पूर्व अनुमति के बिना या ऋणदाता बैंकों को सूचित किए बिना अवैध रूप से मशीनरी और अन्य सामान को 2006 और 2019 के बीच की हटा दिया और इसे बेचकर भी बैंक में बकाया राशि नहीं चुकाई। आरोपी ने अवैध रूप से मशीनरी के पुर्जे भी कबाड़ के रूप में बेचे और बिक्री को छिपाने के लिए नकली चालान की व्यवस्था की। अब 87.88 करोड़ रुपये का ऋण ब्याज सहित लगभग 121.13 करोड़ का बन चुका है। जांच एजेंसी ने बताया कि दोनों आरोपितों को जम्मू की कोर्ट में पेश किया जाएगा।
जिला के उद्योग विभाग के महाप्रबंधक प्रेम सिंह ने बताया कि भारत पेपर मिल निजी भूमि में काफी साल पहले स्थापित हुई थी और इस समय बंद है। उनका बैंक से विवाद चल रहा था।
Edited By: Rahul Sharma
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post