पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट।
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पंजाब में हिंसा के चलते बने माहौल को आधार बनाते हुए हाल ही में रिलीज होने जा रही फिल्म छोब्बर पर रोक की मांग की गई है। याचिका पर केंद्र ने कहा कि अभी फिल्म सेंसर सर्टिफिकेट के लिए नहीं पहुंची है। याचिका को ही मांगपत्र मान फिल्म को प्रदर्शन के लिए मंजूरी से पहले आपत्तियों पर विचार किया जाएगा। इस पर हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।
याचिकाकर्ता रगवंत सिंह ने एडवोकेट अमित झांझी के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि फिल्मों में लगातार हिंसा का प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। फिल्मों में हिंसा के प्रदर्शन का युवाओं पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बीते दिनों हुई सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के माध्यम से पंजाब में बने माहौल का याचिका में हवाला दिया गया। साथ ही बताया गया कि साहित्य के माध्यम से गन कल्चर को रोकने के लिए हाईकोर्ट भी आदेश जारी कर चुका है।
इसी के चलते बीते दिनों कई गायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। पंजाब में अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है और ऐसे में फिल्मों में इस पर लगाम बेहद जरूरी है। यूट्यूब पर फिल्म से जुड़ी जो सामग्री मौजूद है, वह दर्शाती है कि यह फिल्म हिंसा को बढ़ावा देने वाली है। ऐसे में इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई जानी चाहिए।
यह फिल्म मोहाली की एक कंपनी ने तैयार की है, जिसकी रिलीज 11 नवंबर को है। केंद्र सरकार ने कहा कि अभी तक इस फिल्म को प्रदर्शित करने के लिए सेंसर की अनुमति हेतु आवेदन नहीं आया है। अगर आवेदन आता है तो मंजूरी से पहले याची द्वारा दर्ज की गई आपत्तियों पर भी विचार किया जाएगा। इस जानकारी पर हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।
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