आगरा, जागरण संवाददाता। फर्जी कागजातों से जमानत के खेल में दो और अभियोग दर्ज कराए गए हैं। एनडीपीएस एक्ट में जेल भेजी गई महिला समेत तीन आरोपितों के फर्जी कागजात बना जमानती प्रस्तुत किए गए थे।। मामला सामने आने के बाद अधिवक्ता को भी आरोपित बनाया है। अभी दस और अभियोग पंजीकृत कराने की तैयारी है। सत्यापन में उनके जमानत में लगे कागजात फर्जी पाए गए हैं।
पेशेवर अपराधियों को जेल से बाहर निकालने वाला गैंग सक्रिय
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि पेशेवर अपराधियों को जेल से बाहर निकालने वाला गिरोह सक्रिय है। इन अपराधियों की जमानत के फर्जी कागजात तैयार कर जेल से बाहर निकाला जाता है। पुलिस द्वारा छह वर्ष के दौरान जेल से जमानत पर बाहर आए अपराधियों के जमानतियों का सत्यापन कराया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में ऐसे करीब 500 अपराधियों व उनके जमानतियों को चिन्हित किया गया है। जिनके सत्यापन कराया जा रहा है। इसी छानबीन में महिला समेत तीन अपराधियों के जमानती फर्जी हेाने की पुष्टि के बाद न्यू आगरा थाने में अभियोग दर्ज कराया गया है।
रेलवे पुलिस ने गांजे में जेल भेजे थे आरोपित
न्यू आगरा थाने में पहला अभियोग राजेंद्र निवासी गांव रासपुरा थाना पचोखरा, फिरोजाबाद ने दर्ज कराया है। राजेंद्र ने पुलिस को बताया कि वह और उसका भाई नेकराम किसान हैं। पड़ोस गांव में रहने वाला कालीचरण भी उनका परिचित है। पुलिस उनके घर गैर जमानती वारंट लेकर आई थी। पुलिस ने बताया कि उसने जीआरपी कैंट आगरा से एनडीपीएस व गैंगस्टर में में आरोपितों को जेल भेजा गया था। उक्त तीनों ने सुमन कुमारी और पिंटू निवासी प्रेम नगर किरारी दिल्ली की जमानत ली है। यह जानने के बाद उसके होश उड़ गए। उन्होंनें किसी की जमानत में अपने कागज नहीं लगाए थे। उनके नाम से फर्जी कागजात लगा किसी ने आरोपितों की जमानत ले ली थी।
इन बिंदुओं पर छानबीन कर रही है पुलिस
- जमानत लेने वालों का पुलिस सत्यापन नहीं कराया गया, कागजात पैरोकार की ओर से नहीं दिए गए।
- थाने के फर्जी सत्यापन वाले कागजात न्यायालय तक कैसे पहुंच गए।
- अधिकांश जमानत प्रार्थना पत्रों पर पुलिस सत्यापन की आख्या एक ही तरीके से लिखी गई है। पुलिस को आशंका है कि गिरोह में फर्जी सत्यापन आख्या तैयार करने वाले लाेगों की संख्या अधिक नहीं है।
- पेशेवर व बाहरी अपराधियों की जमानत में फर्जी कागजात लगाए गए हैं, जो कि पड़ोसी जिलों के लोगों के नाम से हैं।
- पिछले पांच वर्ष में कितने अपराधियों के फर्जी कागजाें से जमानत पर जेल से बाहर आए।
एसपी सिटी के अनुसार मामले में राजेंद्र की तहरीर पर अभियोग पंजीकृत किया गया है। जिसमें सुमन, पिंटू व अधिवक्ता राधाबल्लभ को आरोपित बनाया है। पुलिस के अनुसार दूसरा अभियोग नत्थूलाल निवासी पचोखरा फिरोजाबाद की तहरीर पर दर्ज किया गया है। उसके फर्जी कागजात तैयार कर किशन निवासी किरारी सुलेमनगर दिल्ली की जमानत कराई गई थी। किशन को जीआरपी आगरा कैंट पुलिस गांजे के साथ पकड़कर जेल भेजा था। उसकी जमानत का प्रार्थना पत्र भी अधिवक्ता राधाबल्लभ द्वारा प्रस्तुत किया गया था। उक्त अभियोग में भी अधिवक्ता को आरोपित बनाया है।
Edited By: Abhishek Saxena
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