- धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने कहा : आदिवासियों की पहचान मिटाने की हो रही है साजिश
New Delhi : सरना धर्म कोड को लेकर 12 नवंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर महाधरना का आयोजन किया गया है. इसकी पूर्व संध्या पर शुक्रवार को सरना धर्मावलंबियों की राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा की बैठक की गयी. इस कार्यक्रम में झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के आदिवासी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, असम सहित नेपाल और भूटान के प्रतिनिधि शामिल हुए. दिल्ली के संविधान सभा में आयोजित इस कार्यक्रम में धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने कहा कि आदिवासी की पहचान मिटाने की साजिश हो रही है. देश की 18 करोड़ और झारखंड की एक तिहाई आबादी अपनी पहचान से अभी तक वंचित है.
सरना धर्म कोड को जनगणना प्रपत्र में शामिल किया जाए- करमा उरांव
शिक्षाविद डा. करमा उरांव ने कहा कि प्राकृतिक सरना धर्म विश्व धर्म है. लेकिन विडंबना ये है कि आज तक उसे पहचान नहीं दी गयी. देश के सभी आदिवासी सरना धर्मावलंबियों की मांग है कि सरना धर्म कोड को जनगणना प्रपत्र में शामिल किया जाए. भारत के आदिवासियो को धार्मिक पहचान और आजादी मिलनी चाहिए.
सरना धर्म कोड नहीं मिलना अन्याय- शिवा कच्छप
केंद्रीय सरना संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि आजादी के 76 साल होने के बाद भी सरना धर्म कोड नहीं मिलना अन्याय है. इसके लिए जाति पार्टी से उपर उठकर नई सिरे से आंदोलन करने की जरूरत है. अलग से धर्म कोड नही होने के कारण हमारी गणना हिन्दू या अन्य में की जा रही है. इस कार्यक्रम में निर्मला भगत , रवि तिग्गा, सलखान मुर्मू , संजय पहान , मध्यप्रदेश विधायक हीरालाल अल्वा, अनिल कुमार भगत, कमले उरांव, बिरसा कांडील , संगम उरांव, दुर्गावती ओड़िया, रवि तिग्गा, नारायण उरांव राजेश भगत, भगवान दास मुंडा, बिरसा उरांव, प्रभात उरांव, नारायण उरांव, विद्यासागर केरकेट्टा, मथुरा कंडील आदि शामिल हुए.
ये संकल्प हुए पारित
- संकल्प लिया गया कि सरना धर्म कोड के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में जोरदार आंदोलन चलाया जाएगा. हर हालत में सरना धर्म कोड जनगणना परिपत्र में आवंटित हो की दिशा में देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा.
- प्रतिनिधि सभा ने यह राय प्रकट की कि आजाद भारत आजाद भारत में भारत के जनजाति समाज के धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक मसले को मसले को अब तक अनदेखी की है.यह भारतवर्ष के मूल निवासी और दावेदार हैं. उनके धर्म को पृथक पहचान नहीं देना एक गहरी साजिश का आभास देता है.
- झारखंड में 26 फरवरी को सरना धर्म कोड के लिए झारखंड के रांची में महारैली का आयोजन होगा. दिल्ली के रामलीला मैदान में अगले वर्ष के मार्च अप्रैल में महाजुटान होगा.
- शुक्रवार सुबह आठ बजे भारत सरकार के जनजातीय कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा से प्रतिनिधिमंडल ने पृथक सरना धर्म कोड के लिए स्मार पत्र सौंपा.
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