Publish Date: | Sat, 12 Nov 2022 08:10 AM (IST)
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया की ओएफके कोआपरेटिव सोसायटी में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितताओं का पता चला है। यहां अनेक ऐसे लोगों को उधार दे दिए जाने की बात सामने आ रही है, जिनके बारे में न तो सोचा जा सकता। इस अनियमितता की गहन जांच कराए जाने की बात चल रही है। लेकिन, मामले में तकनीकी पेंच के चलते जांच करने वाली एजेंसियों के हाथ बंधे हुए हैं। हालांकि, कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वो इस मामले को अंजाम तक ले जाएंगे।
आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया की ओएफके कोआपरेटिव सोसायटी अनेक प्रकार के कारोबार करती है। इस सोसायटी का सदस्य ओएफके का कोई भी कर्मचारी बन सकता है। यह सोसायटी अनेक प्रकार के कारोबार करती है, जिसका सालाना टर्नओवर करोड़ों का बताया है। यह समिति बैंकिंग का काम भी करती है, और अपने सदस्यों को साधारण ब्याज की दर से सात लाख रुपये तक का कर्ज दे सकती है। इसके अन्य मुख्य व्यवसायों में डीजल एवं पेट्रोल पंप, रसोई गैस सिलिंडर एजेंसी और आटा चक्कियों का संचालन है। निर्माणी के श्रमिक नेताओं का कहना है कि इन्हीं व्यवसायों की आड़ में सोसायटी के तत्कालीन जिम्मेदारों ने बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितताएं कीं। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि एक अनुमान के मुताबिक आठ करोड़ से ज्यादा का गोलमाल किया गया है। जिसकी रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी की ओर से कराई जानी है।
लेकिन ये है तकनीकी पेंच…
इस मामले में अब तक हुई आंतरिक जांच-पड़ताल में फौरी तौर पर करोड़ों की गड़बड़ी देखने में आ चुकी है। इस समय समिति भंग है, चुनाव होने तक यहां प्रशासक की तैनाती है, लेकिन कायदों के अनुसार प्रशासक स्वयं जांच को आगे बढ़ाने की अनुशंसा नहीं कर सकता। जांच की अनुशंसा सोसायटी की डायरेक्टर बाडी ही कर सकती है। इसलिए प्रभावी जांच के लिए सोसायटी के चुनाव और फिर डायरेक्टर बाडी के चुने जाने का इंतजार किया जा रहा है।
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ओएफके की कोआपरेटिव सोसायटी में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनयिमितताएं की गई हैं। ये अनियमितताएं करोड़ों में हैं, जिनकी जांच को अंजाम तक पहुंचाने जो बन पड़ेगा किया जाएगा। –अर्णव दासगुप्ता, महासचिव-लेबर यूनियन
जितनी भी सहकारी समितियां हैं, उनसे जुड़ी सभी शिकायतों की जांच हमारे अधीनस्थ अमले द्वारा ही की जाती है। लेकिन जांच के पूर्ण होने से पहले कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। -पीके सिद्धार्थ, जेआर-फर्म एंड सोसायटी
Posted By: Mukesh Vishwakarma
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