वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई का बड़ा कारण कच्चे तेल का आयात है. भारत अपनी कुल कच्चे तेल जरूरत का 85 प्रतिशत आयात करता है, जिससे दबाव बढ़ गया है.
टॉप-3 इकोनॉमी में होंगे शामिल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से विकास करती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और उसके अगले 10-15 साल में विश्व की शीर्ष तीन आर्थिक शक्तियों में शामिल होने की उम्मीद है. वित्त मंत्री ने यहां भारत-अमेरिका कारोबार एवं निवेश अवसर समारोह में कहा कि दुनिया भर का आर्थिक दृष्टिकोण चुनौतीपूर्ण बना हुआ है और भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक आर्थिक घटनाक्रम के प्रभाव से अछूती नहीं है. वहीं उन्होने कहा कि भारत में बढ़ती महंगाई की मुख्य वजह दुनिया भर में हो रहे घटनाक्रम हैं.
टॉप 3 इकोनॉमी बनने की राह पर
वित्त मंत्री ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद भारत दक्षिण-पश्चिमी मानसून में सामान्य से अधिक बारिश, सार्वजनिक निवेश, मजबूत कॉरपोरेट बैलेंस शीट, उपभोक्ताओं एवं कारोबारों के भरोसे और कोविड महामारी के घटते खतरे की मदद से विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने में सफल रहा है. उन्होंने कहा, भारत दुनिया की सर्वाधिक तेजी से विकास करती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है. यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर हाल में ब्रिटेन से आगे निकल गया और इसके अगले 10-15 साल में वैश्विक स्तर पर शीर्ष तीन आर्थिक शक्तियों में शामिल होने की उम्मीद है.
बाहरी कारण से बढ़ी महंगाई
अमेरिका-भारत व्यापार और निवेश अवसर बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति की चुनौतियां बाहरी कारकों से प्रेरित हैं. उन्होंने कार्यक्रम में सवाल-जवाब सत्र में कहा, आज जो महंगाई का आंकड़ा है, वह प्रबंधन के लायक है. चुनौतियों का बड़ा कारण कच्चे तेल का आयात है. हम अपनी कुल कच्चे तेल जरूरत का 85 प्रतिशत आयात करते हैं.बाहरी कारणों से महंगाई पर दबाव पड़ रहा है. हमें इसको लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय दोनों मुद्रास्फीति से निपटने के लिये मिलकर काम कर रहे हैं।
बढ़ती महंगाई से चुनौती बढ़ी
वहीं कार्यक्रम में शामिल हुईं अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा कि इस समय वैश्विक आर्थिक परिदृश्य काफी चुनौतीपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ऊंची महंगाई दर इस समय कई विकसित और विकासशील देशों के लिये चुनौती है. विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक इस समस्या से निपटने के लिये प्रयास कर रहे हैं. येलेन ने कहा, मुद्रास्फीति का प्रमुख कारण रूस का यूक्रेन पर हमला भी है. इससे ऊर्जा और खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़े हैं. कई उभरते बाजार हैं, जहां कर्ज और ब्याज दर अधिक है. ऐसे में ऊर्जा और खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से उनमें से कुछ के लिये कर्ज को लेकर दबाव बढ़ा है और इसको लेकर संकट पैदा हो रहा है. येलेन फिलहाल भारत दौरे पर हैं.
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