विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कैंसर दुनिया भर में मौतों के सबसे बड़े कारण में से एक है। अकेले भारत मे ही हर साल कैंसर के 11 लाख नए मामले सामने आते हैं। कैंसर के दो-तिहाई मामले एडवांस्ड स्टेज में ही पहचाने जाते हैं और इससे मरीज़ के बचने की संभावनाएं बेहद कम हो जाती है। इसलिए कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना बेहद अहम हो जाता है जिससे इसकी सही वक्त पर पहचान हो सके।
यहां यह समझना जरूरी है कि जहां भारत में कैंसर के मामले विकसित देशों की तुलना में कम हैं, वहीं मौतों के मामले में हमारे देश में संख्या बेहद अधिक है। स्पष्ट है इसका कारण जागरूकता और सही समय पर इलाज़ की कमी है।
कैंसर का कारण
कैंसर का एक बड़ा कारण है हमारी जीवनशैली। शोध संस्थान लैंसेट के मुताबिक सिगरेट, गुटका, बीड़ी, खैनी जैसे तम्बाकू के उत्पाद 14 तरह के कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए समझदारी इसी में है कि तम्बाकू व तम्बाकू के उत्पादों से बचा जाए।
इसके साथ ही शराब व ड्रग्स का इस्तेमाल भी कैंसर का एक बड़ा कारण है। असुरक्षित यौन संबंध महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का एक बड़ा कारण है। जीवनशैली में उन सभी चीज़ों से बचना चाहिए जो कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
कैंसर से बचाव
कैंसर किसी को भी और किसी भी उम्र में हो सकता है। इसलिए बचाव के लिए सबसे जरूरी है संतुलित और अनुशासित जीवन जीना। जीवन में तनाव या स्ट्रेस कम से कम रखने के लिए नींद और काम के बीच आराम के लिए उचित वक्त रखना चाहिए। इसके साथ ही योग तथा व्यायाम को जीवन शैली का अभिन्न अंग बनाए रखना चाहिए जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता किसी भी खतरे से लड़ने के लिए तैयार रहे।
तीसरा पहलू है खानपान का अधिक तेल और मिर्च मसाले वाले तथा फ़ास्ट फ़ूड से पूरी तरह बचना चाहिए। साथ ही मीट मछली आदि को अच्छे तरह से पके होने के बाद ही लेना चाहिए। खाने में फल-हरी सब्जियां तथा संतुलित पोषक आहार को शामिल करना चाहिए।
कैंसर के लक्षण
कई बार कैंसर के लक्षण स्पष्ट तरीके से समझ नहीं आते हैं। खासकर शरीर के अंदरूनी अंगों में कैंसर होने पर इसके लक्षण बहुत समय तक दिखते नहीं हैं। पर, अगर आपका वज़न अचानक कम होने लगे या फिर भूख लगना कम हो जाए तथा इसका कोई कारण समझ न आए तो डॉक्टर के पास जाने में ही समझदारी है। क्योंकि अक्सर कैंसर के शुरुआती चरण में यही लक्षण होते हैं।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
हर व्यक्ति को शरीर में होने वाले किसी भी बदलाव के प्रति सजग रहना चाहिए और समय रहते डॉक्टर के पास जाना चाहिए। किसी भी सूरत में सबसे अहम होता है समय रहते इसकी पहचान और इलाज़ शुरू होना। इसी से कैंसर को न केवल हराया जा सकता है बल्कि स्वस्थ जीवन भी जिया जा सकता है।
कई बार लोगों को लगता है कि कैंसर का मतलब ही सब कुछ ख़त्म हो जाना है, पर यह समझना जरूरी है कि अगर समय रहते इसकी पहचान कर ली जाए तो जीवन की गाड़ी चलती रह सकती है।
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