हाल ही में दुनिया का सबसे बड़ा बिना अंडे का केक बनाया गया है, जिसका वजन जानकर ही आप दंग रह जाएंगे. यह केक सिडनी के स्वामीनारायण मंदिर द्वारा बनाया गया है, जिसने इतिहास रच दिया है.
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केक तो आप खाते ही होंगे. चाहे बर्थडे हो या मैरिज एनिवर्सरी या फिर कोई और फंक्शन, केक के बिना तो ये फंक्शन संभव हैं ही नहीं. केक का कटना तो बनता है. वैसे आमतौर पर तो केक 2-4 किलो के ही बनते हैं, लेकिन अगर फंक्शन बड़ा हो तो फिर उसी हिसाब से 10-20 किलो के भी केक बनाए जाते हैं. हालांकि इसमें दिक्कत ये होती है कि कई लोग अंडे वाला केक नहीं खाते हैं. ऐसे में बिना अंडे वाला केक भी बनवाना पड़ता है. हाल ही में दुनिया का सबसे बड़ा बिना अंडे का केक बनाया गया है, जिसका वजन जानकर ही आप दंग रह जाएंगे.
यह केक सिडनी के स्वामीनारायण मंदिर द्वारा बनाया गया है, जिसने इतिहास रच दिया है. इस केक का वजन 1023.44 किलोग्राम है, इसीलिए इसे अब तक सबसे बड़ा केक कहा रहा है. इस केक का नाम ऑस्ट्रेलियाई बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है.
In a world first, #Sydney‘s BAPS Swaminarayan Mandir has made it to the Australian Book of Records by baking the 🌏’s largest eggless cake! The cake, prepared by over 60 volunteers, measures 2.4 mtrs high & 3 mtrs wide. Have a look👇https://t.co/sw1i6S0iQj @BAPS #diaspora pic.twitter.com/NpEKlv3mYW
— Barry OFarrell AO (@AusHCIndia) November 12, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस केक को रिकॉर्ड 4300 घंटों में बनाया गया है और इसे बनाने में 60 लोग लगे थे. भारत में अमेरिकी उच्चायुक्त बैरी ओ’फारेल एओ ने ट्विटर पर इस केक की तस्वीरें साझा की हैं और कैप्शन में बताया है कि दुनिया में सबसे पहले सिडनी के स्वामीनारायण मंदिर ने दुनिया का सबसे बड़ा बिना अंडे वाला केक बनाया है और ऐसा करके ऑस्ट्रेलियाई बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपनी जगह बनाई है. यह केक 2.4 मीटर ऊंचा, जबकि तीन मीटर चौड़ा है.
खास बात ये है कि इस केक को पारंपरिक हिंदू मंदिर के आकार में बनाया गया है, जो देखने में बेहद ही खूबसूरत लग रहा है. ऑस्ट्रेलियाई बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के मुताबिक, स्वामी महाराज की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में इस केक को बनाया गया है.
केर्न्स शहर में भी है स्वामीनारायण मंदिर
दरअसल, हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के केर्न्स शहर में भी स्वामीनारायण मंदिर की स्थापना की गई थी, जिसके उपलक्ष्य में हुए समारोह में ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले हिंदू समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और भजन-कीर्तन किया था. इस समारोह में 300 से भी अधिक लोग शामिल हुए थे.
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