खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। दुष्कर्म के तीन साल पुराने मामले में न्यायालय ने एक अहम फैसला दिया है। यह फैसला इसलिए भी अहम है कि केवल डीएनए जांच रिपोर्ट के आधार पर सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश पाक्साे एक्ट प्राची पटेल ने फैसला देते हुए बेटे की डीएनए रिपोर्ट के आधार पर एक पिता को दस साल की सजा सुनाई। साथ ही आरोपित पिता पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। अभियोजन की ओर से प्रकरण का संचालन सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी रूपेश तमोली ने किया।
पंधाना के ग्राम लिंगी फाटे का यह मामला है। लिंगी फाटा निवासी 16 वर्षीय किशोरी को 24 वर्षीय आरोपित सुरेश उर्फ सुरपाल पुत्र रूपसिंह शादी का झांसा देकर अपने साथ ले गया था। 24 जुलाई 2017 को शाम करीब सात बजे किशोरी अपने घर के पीछे बर्तन साफ कर रही थी। कुछ देर बाद वह वहां से अचानक लापता हो गई। दादी आंगन में घूम रही थी। उन्होंने पीछे जाकर देखा तो बर्तन के पास कोई नहीं था। इसके बाद उसे आवाज लगाई लेकिन उसका जवाब नहीं आया। इसके बाद वह पोती को देखने घर के अंदर गई। साथ ही पुत्र को बताया कि बेटी घर पर नहीं है। इसके बाद वे उसकी तलाश करने लग गए। उसके नहीं मिलने पर पंधाना थाने में पोती के लापता होने की सूचना दी। साथ ही बताया कि गांव का सुरेश भी लापता है। इस पर से मांधाता पुलिस ने आरोपित सुरेश पर प्रकरण दर्ज किया था।
दो साल बाद किशोरी की गोद में छह माह का बालक था
पंधाना पुलिस केस दर्ज करने के बाद से सुरेश और किशोरी की तलाश में लग गई थी। करीब दो साल बाद 16 जनवरी 2019 काे पुलिस ने सुरेश और किशोरी को पकड़ा था। किशोरी के पास छह माह का बालक था। इसके बाद पुलिस ने किशोरी और उसके पुत्र को परिवार के हवाले कर दिया। साथ ही आराेपित सुरेश पर धारा 5 (एल) सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 और दुष्कर्म की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया। इसके साथ ही पंधाना पुलिस ने छह माह के बेटे और सुरेश की डीएनए जांच कराई। इससे पुष्टि हुई थी कि बालक का पिता सुरेश है। इस जांच रिपोर्ट को अभियोजन ने बतौर सबूत के अाधार पर कोर्ट में पेश किया था। न्यायालय ने माना कि किशोरी के साथ आरोपित सुरेश ने दुष्कर्म किया था। इससे वह गर्भवती हो गई और उसने एक संतान को जन्म दिया था।
अपराध पर नियंत्रण करना आवश्यक
यह अहम फैसला देने के साथ ही विशेष न्यायाधीश ने अहम टिप्पणी की। फैसले के साथ उन्होंने लिखा है। वर्तमान परिवेश में बालकों के प्रति अपराध मे निरंतर वृद्धि होती जा रही है जिन पर नियंत्रण करना आवश्यक है। आरोपित सुरेश द्वारा गंभीर प्रकृति का अपराध कारित किया गया है।
Posted By: Prashant Pandey
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